इस पोस्ट में हमलोग Bihari ke dohe notes (Bihar Board) कक्षा 8 हिंदी ( किसलय ) Bihar Board Class 10 Non-Hindi Chapter 6 बिहारी के दोहे Notes के सभी पाठों का व्याख्या प्रत्येक अध्याय के समाधान सहित जानेंगे। उनमें से ज्यादातर प्रश्न बोर्ड परीक्षा में पूछे जा चुके हैं। (class 10th Non-Hindi solutions)
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Bihar Board Class 10 Non Hindi – Bihari ke dohe notes प्रश्न-अभ्यास पाठ से
प्रश्न 1. उन पदों को लिखिए जिनमें निम्न बातें कही गई हैं।
(क) बाह्याडंबर व्यर्थ है।
उत्तर: जप माला छापै तिलक ………….. साँचे राँचै रामु ।।
(ख) नम्रता का पालन करने से ही मनुष्य श्रेष्ठ बनता है।
उत्तर: नर की अरू नल नीर ……………. ऊँचो होय ।।
(ग) बिना गुण के कोई बड़ा नहीं होता।
उत्तर: बड़े न हूजे गुनन ………………… गहनो गढ्यो न जाय ।।
(घ) सुख-दुःख समान रूप से स्वीकारना चाहिए।
उत्तर: दीरघ साँस न लेहु ……………………….. दई सु कबुली ।।
प्रश्न 2. दुर्जन का साथ रहने से अच्छी बुद्धि नहीं मिल सकती। इसकी उपमा में कवि ने क्या कहा है ?
उत्तर: दुर्जन की संगति पाकर या सत्संगति के अभाव में मनुष्य को अच्छी बुद्धि नहीं मिल सकती है इसके लिए उपमा देते हुए कवि ने कहा है कि हींग को कपुर में डाल देने से उसमें कपुर की सुगन्ध नहीं आ सकती है।
पाठ से आगे – Bihari ke dohe notes
प्रश्न 1. गुण नाम से ज्यादा बड़ा होता है। कैसे?
उत्तर: नाम से कोई गुणवान नहीं होता । जैसे-धतूरे को भी कनक कहा जाता है लेकिन उससे गहना नहीं बन सकता है।
प्रश्न 2. “कनक” शब्द का प्रयोग किन-किन अर्थों में किया गया है ?
उत्तर: “कनक” शब्द का प्रयोग दो अर्थो में किया गया है। कनक = सोना और कनक = धतूरा ।
व्याकरण – Bihari ke dohe notes
प्रश्न 1. पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर:
- भव = संसार
- नर = मनुष्य
- बाधा = विघ्न, दुख।
- तन = शरीर
- नीर = जल
- कनक = सोना
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों के आधुनिक/खड़ी बोली रूप लिखिए। मी
उत्तर:
- अरू = और
- जेतो = जितना
- तेतो = उतना
- हरौ = हरण करो
- वृथा = व्यर्थ
- गुनन = गुण
- बिनु = बिना
गतिविधि – Bihari ke dohe notes
प्रश्न 1. रीतिकालीन अन्य कवि की रचनाओं को भी पढ़िए और वर्ग में सुनाइए।
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2. पाठ से संबंधित अलंकारों का परिचय अपने शिक्षकों से प्राप्त कीजिए।
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
बिहारी के दोहे Summary in Hindi
मेरी भव बाधा ……….. दुति होय ॥
अर्थ- इस दोहा में कवि बिहारी ने श्री राधा से प्रार्थना करते हैं कि राधा नागरि मेरी सांसारिक बाधा को दूर करें जिनके शरीर की छाया पड़ने से भगवान श्रीकृष्ण का श्यामला सौन्दर्य हरित वर्ण की आभा को प्राप्त कर लेता
जयमाला, छापै तिलक, सरै …………………………… साँचै राँचै राम्॥
अर्थ- इस दोहा में कवि ने सत्य की महत्ता बताते हुए कहते हैं। माला पर जप करने से या माथे पर तिलक लगा लेने से एक भी कार्य नहीं होता जिसके मन में खोट होता है उसके सारे कार्य बेकार हो जाते हैं जो सच्चा – व्यक्ति है उस पर ही राम भी प्रसन्न होते हैं।
बतरस-लालच लाल……………… दैन कहे नटि जाई॥
अर्थ – इस दोहा में भगवान श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम को दिखाते हुए कवि ने कहा है श्री राधा भगवान श्रीकृष्ण से वार्तालाप रूपी आनन्द की प्राप्ति के लोभ में श्रीकृष्ण की मुरली छिपा देती है। श्रीकृष्ण को जब राधा पर शक होता है तो वह नहीं कहती है। जब श्रीकृष्ण राधा को शपत देते हैं तो वह हँसने लगती है और जब श्रीकृष्ण माँगते हैं तो राधा मुरली देने से मुकर जाती है।
जब जब वै सुधि कीजिए, तब-तब ……………… लागति नाँहि ॥
अर्थ – इस दोहा में कवि ने भक्त और भगवान की स्थिति का वर्णन करते हुए कहा है कि भगवान जब भक्त की सधि लेकर कृपा करते हैं तो भक्त उनके कृपा पाकर अचेत हो जाता है जिससे भगवान की सुधि भक्त को समाप्त हो जाता है। जब भगवान भक्त को देखते हैं तो भक्त की आँख ही बंद हो जाती…
ना की अरू नल नीर ………………..तेतो ऊँचो होय ॥
अर्थ – इस दोहा में कवि बिहारी ने मनुष्य और नल के जल की तुलना उपमा अलंकार के माध्यम से देते हुए कहते हैं मनुष्य और नल के जल की एक गति है। मनुष्य जितना ही विनम्र होता जाता है उतना ही वह समाज में ऊँचा स्थान प्राप्त करने जाता है। उसी प्रकार नल जितना नीचे रहता है उसके जल की स्थिति उतनी ही तीव्र होती है।
संगति-सुमति न पावही ……………………न होत सुगंध ॥
अर्थ- इस दोहा में बिहारी ने सत्संगति की ओर ध्यान दिलाने का प्रयास करते हुए कहा है कि मनुष्य अच्छे व्यक्तियों की संगति नहीं पाकर बुरे आचरण में लग जाता है । ऐसे लोगों को सुधारना मुश्किल हो जाता है। चाहे हम कितना ही प्रयास न कर लें । जैसे-हींग को कपुर में रख देने के बाद भी हींग में कपुर का सुगन्ध नहीं आ सकता है।
बड़े न हूजै गुनन बिनु, बिरद …………….. गहनो गढ़यो न जाय ।
अर्थ – इस दोहा में कवि ने गुणवान बनने को कहते हुए कहा है कि जिसके पास गुण नहीं है उसका गुण-गान कितना भी हम करें वह महानता को नहीं प्राप्त कर सकता है। जैसे-धतूरा को कनक की संज्ञा तो दे सकते हैं लेकिन उससे गहना नहीं बना सकते हैं।
दीरघ साँस न ………………………………. सु कबूलि॥
अर्थ – इस दोहा में कवि ने मनुष्य को सुख-दुःख में एक समान रहकर ईश्वर का स्मरण करने की सलाह देते हुए कहते हैं दुःख में आह भरते हुए लम्बी साँस मत लो और सुख में मालिक (ईश्वर) को भी मत भूलो । दु:ख के समय भगवान-भगवान क्यों करते हो जो भगवान ने दिया है चाहे सुख हो या दु:ख उसे समान रूप से स्वीकार करो।
Class 10 Non-Hindi (अहिन्दी ) अहिन्दी
1. बिहारी किस काल के कवि हैं ?
( क ) भक्तिकाल
( ख ) रीतिकाल
( ग ) आधुनिककाल
( घ ) सभीसहीहैं।
उत्तर – ( ख)
2. बिहारी किस रस के कवि हैं ?
( क ) भक्तिरस
( ख ) रौद्ररस
( ग ) श्रृंगार रस
( घ ) शांतरस।
उत्तर– ( ग)
3. बिहारी के अनुसार ईश्वर कहाँ मिलते हैं ?
( क ) रामनामी ओढ़कर माला जपने में
( ख ) साधु बनकर घूमने में
( ग ) निर्मल हृदय में
( घ ) दूसरों की मदद करने में
उत्तर ( ग)
4. बिहारी के अनुसार सत्संगति क्या है ?
( क ) सच्चे व्यक्ति कासाथ
( ख ) साधुओं की संगति
( ग ) सत्संग में रूचि
( घ ) बुरे की संगति।
उत्तर– ( क)
5. बिहारी ने ‘ राधानागरि ‘ किसे कहा है ?
( क ) श्रीराम को
( ख ) श्रीकृष्ण को
( ग ) मीराको
( घ ) राधाको।
उत्तर ( ख)
6. दैव जो देता है उसे क्या करने के लिए ‘ बिहारी ‘ कह रहे हैं ?
( क ) स्वीकार करनेको
( ख ) विरोध करने को
( ग ) छोड़ देने को
( घ ) तोड़ देने को।
उत्तर– ( क)
7. रीतिकालीन प्रसिद्ध कवि का नाम है
( क ) बिहारी
( ख ) सूर
( ग ) तुलसी
( घ ) रसखान।
उत्तर ( क)
8. प्रेम के कवि के रूप में इनमें कौन प्रसिद्ध हैं ?
( क ) बिहारी लाल
( ख ) तुलसी दास
( ग ) पंत
( घ ) निराला।
उत्तर-( क)
9. ‘ मेरी भव बाधा हरौ , राधा नागरि सोय । ‘ यह पंक्ति है
( क ) गोपाल सिंह‘ नेपाली‘ की
( ख ) बिहारी लाल की
( ग ) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘ निराला‘ की
( घ ) नरोत्तम दासकी।
उत्तर– ( ख)
10. ‘ बतरस लालच लाल की मुरली धरी लुकाइ ‘ काव्य पंक्ति है
( क ) ‘ बिहारी के दोहे‘ से
( ख ) ‘ कर्मवीर ‘ से
( ग ) ‘ पीपल‘ से
( घ ) सुदामा चरित से।
उत्तर– ( क)
11. ‘ नर की अरू नल नीर की ‘ गति एक जैसी क्यों है ?
( क ) ‘ न ‘ वर्ण की आवृत्ति है
( ख ) आदमी और जल जमीन से जुड़ेहैं
( ग ) दोनों ही नीचे से होकर ऊपर उठतेहैं
( घ ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-( ग)
12. सच्चा व्यक्ति कौन है ?
( क ) जिसके मन में खोट होता है
( ख ) जो स्वार्थी होताहै
( ग ) झूठा होता है
( घ ) जिसका हृदय पवित्र हो।
उत्तर ( घ)
13. नाम से बड़ा क्या होता है ? किसके गैर व्यक्ति बड़ा नहीं होता ?
( क ) गुण
( ख ) अवगुण
( ग ) रूप
( घ ) शक्ति।
उत्तर– ( क )
14. ‘ गागर में सागर ‘ भरने की क्षमता किस कवि में है ?
( क ) मो० इकबाल
( ख ) बिहारी
( ग ) गोपाल सिंह नेपाली
( घ ) कबीर।
उत्तर– ( ख)
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प्रत्येक पाठ को सरल तरीके से समझाया गया है जिससे कमजोर छात्र भी समझ सकें। यह नोट्स NCERT पाठ्यक्रम पर आधारित है। इस पोस्ट में Class 10th Non Hindi Book Solutions Notes के प्रत्येक पाठ की प्रत्येक पंक्ति का हिंदी में व्याख्या किया गया है। इस पोस्ट को पढ़कर आप अहिंदी परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर सकते हैं। प्रत्येक पाठ बिहार बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार किए गए है। प्रत्येक प्रश्न और पाठ को आसानी से समझाया गया है।