हिन्‍दी कक्षा 8 कर्मवीर कविता – Bihar Board Class 10th Non-Hindi Chapter 3 Question Answer

इस पोस्‍ट में हमलोग BSEB (Bihar Board) कक्षा 8 हिंदी ( किसलय ) कर्मवीर Bihar Board Class 10th Non-Hindi Chapter 3 Question Answer Notes के सभी पाठों का व्‍याख्‍या प्रत्‍येक अध्याय के समाधान सहित जानेंगे। उनमें से ज्यादातर प्रश्‍न बोर्ड परीक्षा में पूछे जा चुके हैं। (class 10th Non-Hindi solutions)

Bihar Board Class 10th Non-Hindi Chapter 3 Question Answer

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कर्मवीर कविता ब्याख्या और Summary in Hindi

(कर्म के प्रति निष्ठा ही व्यक्ति की सफलता का निर्धारण ………….. निर्माण करते हैं।)

देखकर बाधा …………………….. मिले फूले-फले।

(देखकर बाधा विविध, बहु विघ्न घबराते नहीं।
रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं।।
काम कितना ही कठिन हो किंतु उकताते नहीं।
भीड़ में चंचल बने जो वीर दिखलाते नहीं।।
हो गये एक आन में उनके बुरे दिन भी भले।
सब जगह सब काल में वे ही मिले फूले फले।।)

अर्थ – कर्मवीर अनेक बाधाओं और विघ्नों को देखकर भी घबराते नहीं हैं। वे भाग्य के भरोसे रहकर दुःख नहीं भोगते और पछताते भी नहीं। काम कितना ही कठिन हो लेकिन वे उकताते नहीं । भीड़ में चंचल बनकर अपनी वीरता नहीं दिखलाते हैं। उनके एक आन (प्रतिज्ञा) से बुरे दिन भी अच्छे में बदल जाते हैं।

आज करना है जिसे ……………………… वे कर जिसे सकते नहीं॥

आज करना है जिसे करते उसे हैं आज ही।
सोचते-कहते हैं जो कुछ, कर दिखाते हैं वही।।
मानते जी की हैं, सुनते हैं सदा सबकी कही।
जो मदद करते हैं अपनी इस जगत् में आप ही।।
भूलकर वे दूसरों का मुँह कभी तकते नहीं।
कौन ऐसा काम है वे कर जिसे सकते नहीं ।

अर्थ – कर्मवीर आज का काम आज ही कर लेते हैं। वे जो सोचते हैंवही कहते हैं तथा सोचे-कहे को ही करते भी हैं। ऐसे लोग वही करते हैं जो उनका मन कहता है लेकिन सदैव सबकी बात सुनते हैं ।
वो अपनी मदद स्वयं करते हैं भूलकर भी वे दूसरे से मदद के लिए मुँह नहीं ताकते।

जो कभी अपने समय ……………………. औरों के लिए॥

जो कभी अपने समय को यों बिताते हैं नहीं।
काम करने की जगह बातें बनाते हैं नहीं।
आज कल करते हुए जो दिन गंवाते हैं नहीं।
यत्न करने में कभी जो जी चुराते है नहीं।।
बात है वह कौन जो होती नहीं उनके किए।
वे नमूना आप बन जाते हैं औरों के लिए ।।

अर्थ – कर्मवीर अपने समय को व्यर्थ नहीं बिताते काम करने की जगह बातें नहीं बनाते हैं। किसी भी काम को कल के लिए नहीं टालते । वे परिश्रम करने से कभी नहीं जी चुराते हैं। ऐसे कोई काम नहीं जो उनके करने से नहीं होता । वे समाज में उदाहरण स्वयं बन जाते हैं।

चिलचिलाती धूप को …………………………. खोल वे सकते नहीं।

चिलचिलाती धूप को जो चाँदनी देवें बना।
काम पड़ने पर करें जो शेर का भी सामना।।
जो कि हँस-हँस के चबा लेते हैं लोहे का चना।
’है कठिन कुछ भी नहीं’ जिनके है जी में यह ठना।।
कोस कितने ही चलें, पर वे कभी थकते नहीं।
कौन-सी है गाँठ जिसको खोल वे सकते नहीं।

अर्थ – चिलाचलाती धूप भी उनके लिए चाँदनी बन जाती है। काम पड़ने पर वे शेर का भी सामना कर लेते हैं । वे हँस-हँसकर कठिन से कठिन काम – को कर लेते हैं। जो ठान लेते उनके लिए वह कठिन काम नहीं रह जाता ।
लम्बी दूरी तय करने के बाद भी वे थकते नहीं। कौन ऐसी समस्या है जिसे कर्मवीर सुलझा नहीं लेते।

काम को आरम्भ ……………….. उज्जवल रतन ॥

काम को आरम्भ करके यों नहीं जो छोड़ते।
सामना करके नहीं जो भूलकर मुंह मोड़ते।।
जो गगन के फूल बातों से वृथा नहीं तोड़ते।
संपदा मन से करोड़ों की नहीं जो जोड़ते।।
बन गया हीरा उन्हीं के हाथ से है कारबन।
काँच को करके दिखा देते हैं वे उज्ज्वल रतन ।

अर्थ – कर्मवीर जिस काम को आरम्भ करते हैं उसे बिना किये हुए नहीं , छोड़ते । जिस काम को करने लगते उससे भूलकर भी मुख नहीं मोड़ते । वे आकाश-सुमन तोड़ने जैसी वृथा बातें नहीं करते । करोड़ों की संपत्ति हो जाये लेकिन वे मन में कभी भी अहंकार नहीं लाते हैं। कर्मवीर के हाथ में कोयला भी हीरा बन जाता है। शीशा को भी चमकीला (शुद्ध) रत्न बना देते हैं।

पर्वतों को काटकर सड़कें …………………….. तार की सारी क्रिया ॥

पर्वतों को काटकर सड़कें बना देते हैं वे।
सैकड़ों मरुभूमि में नदियाँ बहा देते हैं वे।।
गर्भ में जल-राशि के बेड़ा चला देते हैं ।
जंगलों में भी महामंगल रचा देते हैं वे ।।
भेद नभ तल का उन्होंने है बहुत बतला दिया।
है उन्होंने ही निकाली तार की सारी क्रिया।।

अर्थ- कर्मवीर पर्वतों को भी काटकर सड़क बना देते हैं। मरुभूमि में भी सैकड़ों नदियाँ बहा देते हैं। समुद्र के गर्भ में भी वे जलयान (जहाज) चला देते हैं। जंगल में भी वे मंगल रचा देते हैं। अकाश-पताल का रहस्य भी उन्होंने बताया। सूक्ष्म से सूक्ष्म क्रिया के बारे में भी उन्होंने ही बतलाया।

स्थल को वे कभी ………………… अपना ठीक करके ही टलें।

कार्य-स्थल को वे कभी नहीं पूछते ’वह है कहाँ’।
कर दिखाते हैं असंभव को भी संभव वे वहाँ।।
उलझनें आकर उन्हें पड़ती हैं जितनी ही जहाँ।
वे दिखाते हैं नया उत्साह उतना ही वहाँ।
डाल देते हैं विरोधी सैकड़ों ही अड़चनें।
वे जगह से काम अपना ठीक करके ही टलें।।

अर्थ – कर्मवीर कार्य-स्थल के बारे में नहीं पूछते । किसी भी स्थल पर असम्भव कार्य को सम्भव कर दिखाते हैं। जहाँ उन्हें अधिक उलझनें दिखती वहाँ वे अपने कार्य को और भी अधिक उत्साह से करते हैं। विरोधी उनके कर्म मार्ग में भले ही सैंकड़ों अड़चने डाल दें लेकिन वे अपना कार्य पूरा करके ही निकलते हैं।

सब तरह से आज ……………….. भलाई भी तभी॥

सब तरह से आज जितने देश हैं फूले-फले।
बुद्धि, विद्या, धन, विभव के हैं जहाँ डेरे डले।।
वे बनाने से उन्हीं के बन गए इतने भले।
वे सभी हैं हाथ से ऐसे सपूतों के पले।
लोग जब ऐसे समय पाकर जनम लेंगे कभी।
देश की औ’ जाति की होगी भलाई भी तभी।।

अर्थ – आज सम्पन्न जितने देश हैं जो बुद्धि-विद्या, धन-सम्पदा से परिपूर्ण देश है। उन देशों को सम्पन्न बनाने में कर्मवीरों का ही हाथ है। जिस देश की जितनी उन्नति हुई है उन देशों में उतने ही कर्मवीर हैं। जिस देश में जितने कर्मवीर पैदा लेंगे उतना ही उस देश और समाज की भलाई होगी।

कर्मवीर कविता – Bihar Board Class 10th Non-Hindi Chapter 3 Question Answer

प्रश्न – अभ्यास पाठ से

प्रश्न 1. कर्मवीर की पहचान क्या है ?
उत्तर: कर्मवीर विघ्न-बाधाओं से घबड़ाते नहीं। वे भाग्य-भरोसे नहीं रहते । कर्मवीर आज के कार्य को आज ही कर लेते हैं। जैसा सोचते हैं वैसा ही बोलते हैं तथा जैसा बोलते हैं, वैसा ही करते हैं । कर्मवीर अपने समय को व्यर्थ नहीं जाने देते । वे अलसाते भी नहीं। कर्मवीर समय का महत्व सदैव देते हैं। वे परिश्रम करने से जी नहीं चुराते हैं । कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी कठिन कार्य कर दिखाते हैं। कर्मवीर कार्य करने में थकतें नहीं हैं। जिस कार्य को आरम्भ करते उसे पूरा करके ही छोड़ते हैं। उलझनों के बीच भी वे उत्साहित दिखते हैं।

प्रश्न 2. अपने देश की उन्नति के लिए आप क्या-क्या कीजिएगा?
उत्तर: अपने दंश की उन्नति के लिए हम कर्मनिष्ठ बनेंगे। समय का महत्व देंगे । मन-वचन कर्म तीनों से एक रहेंगे । कठिन-से-कठिन परिस्थितियों में भी नहीं घबराएँगे। जिस कार्य में हाथ डालेंगे उसे करके ही दम लेंगे। आलस्य कभी नहीं करेंगे और कभी भी अपने कार्य को कल के भरोसे नहीं टालेंगे।

प्रश्न 3. आप अपने को कर्मवीर कैसे साबित कर सकते हैं ?
उत्तर: हमें अपने को कर्मवीर साबित करने के लिए कर्तव्यनिष्ठ बनना होगा । समय का महत्व हमें देना होगा। परिश्रमी बनना पड़ेगा तथा आलस्य को त्यागना होगा। मन-वचन और कर्म से एक रहना होगा । उपरोक्त कर्मवीर , के गुणों को अपने में उतारकर हम अपने को कर्मवीर साबित कर सकते हैं। उपरोक्त कर्मवीर के गुणों को अपने में उतारकर हम अपने को कर्मवीर साबित कर सकते हैं।

पाठ से आगे

प्रश्न 1. परिश्रमी के द्वारा मनोवांछित लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। कैसे?
उत्तर: जो परिश्रमी है उसे मनोवांछित लक्ष्य की प्राप्ति अवश्य होती है। । परिश्रमी व्यक्ति कभी आलस्य नहीं दिखाते । अगर परिश्रमी व्यक्ति मन-वचन और कर्म से एक, बना रहे तो कार्य में सफलता अवश्य मिलती है। परिश्रमी व्यक्ति को समय का महत्व समझना चाहिए । इस प्रकार कहा जा सकता है कि कर्मवीर के सारे गुणों को अपना कर परिश्रमी व्यक्ति को कर्मनिष्ठ होना चाहिए जिससे मनोवांछित लक्ष्य की प्राप्ति किया जा सकता है।

प्रश्न 2.कल करें से आज ………………. बहुरि करेगा कब।” से संबंधित अर्थ वाले पंक्तियों को लिखिए।
उत्तर: उपरोक्त अर्थ वाले पंक्तियाँ हैंआज करना है जिसे करते उसे है आज ही। काम करने की जगह बातें बनाते नहीं।

प्रश्न 3. आप किसे अपना आदर्श मानते हैं और क्यों?
उत्तर: हम अपना आदर्श महात्मा गाँधी को मानते हैं क्योंकि हम सादगी,… सच्चाई और अहिंसा पर विश्वास करते हैं तथा सतत् प्रयत्नशील रहने का प्रयास करते हैं। ये सब आदर्श महात्मा गाँधीजी में मौजूद थे।

व्याकरण

प्रश्न 1. दिये गये शब्दों से विपरीतार्थक शब्द-युग्म बनाइए जैसे-अमीर-गरीब।
उत्तर:

  • दुःख – सुख
  • कठिन – आसान
  • भलाई – बुराई
  • सुख – दुःख
  • जनम – मरणं
  • बुराई – भलाई
  • सपूत – कपूत
  • मरन – जनम
  • कपूत – सपूत
  • समर्थक – विरोधी
  • विरोधी – समर्थक
  • असंभव – संभव
  • नभ – तल
  • फूल – शूल
  • आरंभ – अन्त
  • बुरा – भला
  • वीर – कायर
  • संभव – असंभव
  • तल – नभ
  • शुल – फूल
  • अंत – आदि
  • भला – बुरा
  • कायर – वीर।

प्रश्न 2. सामान्य वाक्य-

रेगिस्तान में जल ढूँढ़ना बहुत कठिन है। – मुहावरेदार वाक्य-रेगिस्तान में जल ढूँढना लोहे के चने चबाने की तरह है।

उक्त उदाहरण की तरह निम्नलिखित सामान्य वाक्यों को भी

मुहावरेदार वाक्यों में बदलिए

(क) सामान्य वाक्य-रमेश अपनी माँ का प्यारा लड़का है।
उत्तर:
मुहावरेदार वाक्य-रमेश अपनी माँ का आँखों का तारा है।

(ख) सामान्य वाक्य-पुलिस को देखते ही चोर भाग गए।
उत्तर: मुहावरेदार वाक्य पुलिस को देखते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गये।

Bihar Board Class 10th Non-Hindi Chapter 3 Objective Question Answer

1.   कर्मवीर चिलचिलाती धूप को क्या बना देते हैं ?     

( क ) बादल 
 ( ख ) छाया 
 ( ग ) चाँदनी
 ( घ ) अंधकारमयी।                                  
उत्तर ( ग)

 2. कर्मवीर हँस – हँस के क्या चबा लेते हैं ? 

( क ) गन्ना 
( ख ) मकई 
( ग ) लोहेकाचना 
( घ ) चावल                                            
उत्तर– ( ग) 

3. ‘ कर्मवीर ‘ शीर्षक कविता किस भाषा में लिखी गयी है ? 

( क ) अवधि 
( ख ) मैथिली 
( ग ) भोजपुरी 
( घ ) खड़ीहिन्दी।                                    
उत्तर– ( घ) 

4. कर्मवीर ‘ पुरुष क्या करते हैं ? 

( क ) बेकारकीबातोंमेंसमयबर्बादकरतेहैं 
( ख ) झूठीकल्पनाकाहवाईमहल, बनातेहैं
 ( ग ) हीरा कोकोयलाबनातेहैं 
( घ ) कर्मवीर पुरूषार्थी होतेहैं                    
उत्तर– ( घ) 

5. ‘ कर्मवीर ‘ की क्या पहचान है ? 

( क ) जोकर्मकेप्रतिनिष्ठारखतेहैं।
( ख ) भाग्यकेभरोसेबैठेरहतेहैं। 
( ग ) आजकाकामकलपरटालतेहैं। 
( घ ) भाग्यकोकोसतेरहतेहैं।                 
उत्तर– ( क) 

6. ‘ कर्मवीर ‘ कविता के आधार पर आप अपना आदर्श किसे मानते हैं ? 

( क ) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद 
( ख ) जवाहरलालनेहरू 
( ग ) सुभाषचन्द्र बोस 
( घ ) महात्मा गाँधी।                               
उत्तर– ( घ) 

7. परिश्रम के द्वारा मनोवांछित लक्ष्य कौन प्राप्त करता है ?

( क ) कर्मवीर 
( ख ) परिश्रम नहींकरनेवाला 
( ग ) ईश्वरपरभरोसाकरनेवाला 
( घ ) दूसरोंपरआश्रितरहनेवाला           
उत्तर– ( क) 

 8. व्यक्ति की कैसी निष्ठा उसके सफलता का निर्धारण करती है ? 

( क ) कर्मकेप्रति
( ख ) दयारहित 
( ग ) अभावपूर्ण 
( घ ) पश्चातापपूर्ण।                                 
उत्तर– ( क)

 9. अयोध्या सिंह उपाध्याय लिखित शीर्षक पाठ है 

( क ) कर्मवीर
( ख ) ईदगाह 
( ग ) तूजिन्दाहैतो 
( घ ) सभी                                           
उत्तर– ( क) 

10. सभ्यता एवं संस्कृति के रक्षक और निर्माणकर्ता हैं

( क ) साधू 
( ख ) वीर 
( ग ) कृषक 
( घ ) कर्मवीर                                         
उत्तर– ( घ) 

11. ‘ साध्य की महत्ता तभी है , जब उसका साधन भी महान हो ‘ उक्ति है

( क ) विवेकानंद की  
( ख ) महात्मा गाँधीकी 
( ग ) दयानंदसरस्वती की 
( घ ) रवीन्द्रनाथ टैगोरकी।                       
उत्तर ( ख)

12. सब जगह सब काल में कौन फले – फूले मिलते हैं ? 

( क ) दानवीर 
( ख ) बलवीर 
( ग ) कर्मवीर 
( घ ) वचनवीर                                       
उत्तर– ( ग) 

13. कर्म के प्रति निष्ठा ही व्यक्ति की निर्धारित करती है ।

( क ) असफलता 
( ख ) अशिक्षा 
( ग ) सफलता 
( घ ) विफलता।                                       
उत्तर– ( ग)

 14. जंगलों में भी महामंगल कौन रचा देते हैं ? 

( क ) शूरवीर 
( ख ) दानवीर 
( ग ) धर्मवीर 
( घ ) कर्मवीर।                                         
उत्तर– ( घ)

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प्रत्येक पाठ को सरल तरीके से समझाया गया है जिससे कमजोर छात्र भी समझ सकें। यह नोट्स NCERT पाठ्यक्रम पर आधारित है। इस पोस्ट में Class 10th Non Hindi Book Solutions Notes के प्रत्येक पाठ की प्रत्येक पंक्ति का हिंदी में व्याख्या किया गया है। इस पोस्ट को पढ़कर आप अहिंदी परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर सकते हैं। प्रत्येक पाठ बिहार बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार किए गए है। प्रत्येक प्रश्न और पाठ को आसानी से समझाया गया है।

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About the author

My name is Najir Hussain, I am from West Champaran, a state of India and a district of Bihar, I am a digital marketer and coaching teacher. I have also done B.Com. I have been working in the field of digital marketing and Teaching since 2022

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