इस पोस्ट में हमलोग BSEB (Bihar Board) कक्षा 8 हिंदी ( किसलय ) कबीर के पद – Kabir Ke Pad Class 10 Non Hindi Best Notes के सभी पाठों का व्याख्या प्रत्येक अध्याय के समाधान सहित जानेंगे। उनमें से ज्यादातर प्रश्न बोर्ड परीक्षा में पूछे जा चुके हैं। (class 10th Non-Hindi solutions)
हमारे विशेषज्ञों ने Bihar Board Class 10th Non Hindi Solutions Notes के समाधान तैयार किया है। यह बहुत सरल समाधान है. निम्नलिखितसमाधान को पढ़ने के बाद, आप अपने परीक्षा में बेहतर कर सकते हैं। विज्ञान में आपको बेहतरीन अंक मिल सकते हैं। विज्ञान में उच्च अंक प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से इस ब्लॉग को पढ़े। – non hindi class 10th bseb
कबीर के पद – Kabir Ke Pad Class 10 Non Hindi Best Notes
प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1. निम्नलिखित पंक्तियों को पूरा कीजिए।
(क) मेरा तेरा मनुआँ ………….
मैं कहता सुरझावनहारी …………
………… तु रहता है सोई रे।
उत्तर: मेरा तेरा मनुआँ कैसे इक होई रे।
मैं कहता हौं आँखिन देखी, तू कहता कागद को लेखी।
मैं कहता सुरावानहारी, तू राख्यो उरझाई रे।।
मैं कहता तू जागत रहियो, तू रहता है सोई रे ॥
(ख) ना तो कौनों क्रिया करम में …………………… पलभर की तलास में।
उत्तर: ना तो कौनों क्रिया करम में नहिं जोग बैराग में। ………… खोजी होय तो तुरतहि मिलिहौ, पलभर की तलाश में।
प्रश्न 2. इन पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) मैं कहता निर्मोही रहियो, तू जाता है मोही रे।
उत्तर: कबीर के अनुसार मनुष्य को अनुरागहीन (निर्मोही) होना चाहिए क्योंकि अनुरागहीन होने से ही मनुष्य का कल्याण होता है। इसके विपरीत मनुष्य अनुराग में पड़ता।
(ख) मोको कहाँ ढूंढ़े बंदे, मैं तो तेरे पास में।
उत्तर: मानव ईश्वर को यत्र-तत्र मंदिर-मस्जिद में ढूँढ़ते-फिरते हैं लेकिन ईश्वर तो मनुष्य के पास ही हृदय में निवास करते हैं।
प्रश्न 3. “मोको” शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है ?
उत्तर: “मोको” शब्द ईश्वर/अल्लाह के लिए किया गया है।
पाठ से आगे – Kabir Ke Pad Class 10 Non Hindi
प्रश्न 1. कबीर की रचनाएँ आज के समाज के लिए कितनी सार्थक/उपयोगी हैं ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: कबीर की रचनाएँ आज के समाज के लिए अत्यन्त सार्थक/उपयोगी है। जहाँ आज भी बाह्य आडम्बर की मान्यता दी जा रही है। आज के समय में जबकि मनुष्य के पास समयाभाव है। अत्यन्त भाग-दौड़ के बाद मनुष्य अपने कर्तव्य को पूरा कर पाता है।
ऐसे काल में भी मनुष्य यदि तीर्थ यात्रा आदि में समय नष्ट कर रहा है तो भूल है क्योंकि ईश्वर तो हरेक प्राणियों के हृदय में ही निवास करते हैं । मनुष्य के लिए सच्ची भक्ति तो मानव सेवा ही है। इन सब बातों की सीख कबीर के पद से मिलते हैं। अत: कबीर की रचनाएँ आज के समाज के लिए उपयोगी एवं अत्यन्त सार्थक सिद्ध है।
प्रश्न 2. सगुण भक्तिधारा–जिसमें ईश्वर के साकार रूप की आराधना की जाती है। निर्गुण भक्तिधारा–जिसमें ईश्वर के निराकार (बिना आकार के). स्वरूप की आराधना की जाती है।
इस आधार पर कबीर को आप किस श्रेणी में रखेंगे? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।
उत्तर: कबीरदास निर्गुण भक्ति धारा के भक्त कवि थे। क्योंकि उन्होंने ईश्वर को मानव हृदय में ही रहने वाला बताया है। उनके अनुसार मंदिर-मस्जिद या कैलाश आदि तीर्थ स्थान में सकार रूप स्थित देवताओं की मूर्ति में ईश्वर नहीं रहते हैं। – Kabir Ke Pad Class 10 Non Hindi
प्रश्न 3. सगुन भक्तिधारा एवं निर्गुण भक्ति धारा के दो-दो कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर: सगुन भक्ति धारा में तुलसीदास एवं सूरदास प्रमुख हैं।
निर्गुण भक्ति धारा में – कबीरदास एवं रैदास प्रमुख हैं।
प्रश्न 4. वैसी पंक्तियों को खोजकर लिखिए जिसमें कबीर ने धार्मिक आडम्बरों पर कुठाराघात किया है।
उत्तर: मोको कहाँ ढूँढे बंदे, मैं तो तेरे पास में।
- ना मैं …………………… कैलास में।
- ना तो कौनो क्रिया …………… बैराग में।
- खोजी होय तो ……………….. तलास में।
- कहै कबीर ……………….. साँस में। ।
गतिविधि – Kabir Ke Pad Class 10 Non Hindi
प्रश्न 1. अपने स्कूल या गाँव/शहर के पुस्तकालय में जाकर ‘कबीर ग्रंथावली’ या अन्य पुस्तकों से कबीर के बारे में विस्तृत जानकारी हासिलकर मित्रों तथा अपने शिक्षकों से चर्चा कीजिए।
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2. सगुण भक्ति एवं निर्गुण भक्ति के एक-एक कविताओं को वर्ग कक्ष में सुनाइए।
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 3. कबीर के पदों से संबंधित अनेक कैसेट्स बाजार में उपलब्ध हैं। उन कैसटों को संग्रह कर सुनिए तथा उस पद को लय के साथ कक्षा में सुनाइए।
उत्तर: छात्र स्वयं करें।
कबीर के पद Summary in Hindi – Kabir Ke Pad Class 10 Non Hindi
मेरा तेरा मनुआँ कैसे इक ……………… तब ही वैसा होई रे।
अर्थ- मेरा और तेरा मन कैसे एक हो सकता है। अर्थात् सब के विचार एक नहीं हो सकते हैं। मैं कहता हूँ आँख से देखा सत्य समझना चाहिए तो तुम कहते हो कागज पर लिखा (शास्त्र-पुराण की) बात सत्य है । मैं किसी काम को सुलझाने की बात करता हूँ तो तुम उलझाने की बात करता है। जब मैं जगने की बात कहता हूँ तो सोने की बात करता है।
मैं निर्मोही (अनुरागहीन) बनने की बात करता हूँ तो मोही (अनुरागी होने) की बात करता है। – मैं जुगों-जुगों तक समझाता हूँ लेकिन कोई मानने वाला नहीं है । सत्गुरु ‘के ज्ञान की धारा बह रही है। उसमें कोई भी अपना शरीर धो सकता है।
कबीर का कहना है कि तभी वैसा हो सकता है । अर्थात् तभी हम सबों का मन एक हो सकता है जब सत्गुरु के ज्ञान रूपी जल धारा में हम सभी स्नान करें।
मोको कहाँ ढूँढे बंदे, मैं तो …………….. साँसों की साँस में।
अर्थ- ईश्वर का कहना है हे मेरे भक्त मुझे तुम कहाँ ढूँढ रहे हो । मैं __ तो तेरे पास ही हूँ। न मैं मंदिर में और न मस्जिद में रहता हूँ। किसी कर्मकाण्ड से भी मैं नहीं मिल सकता हूँ और न योग-वैराग से प्राप्त हो सकता हूँ। यदि तुम मुझे खोजो तो मैं पल भर में ही मिल जाऊँगा । कबीर का कहना है कि ईश्वर या अल्लाह तो हरेक प्राणियों के आत्मा में ही निवास करते हैं। – Kabir Ke Pad Class 10 Non Hindi
Kabir Ke Pad Class 10 Non Hindi Objective Question Best Notes
1. मेरा तेरा मनुआँ कैसे इक होई रे ‘ किसकी पंक्ति है
( क ) रहीम
( ख ) कबीर
( ग ) बिहारी।
( घ ) रैदास।
उत्तर-( ख )
2. कबीर ने बाह्य – आडंबरों एवं व्यर्थ अनुष्ठानों पर क्या किया है ?
( क ) करारा प्रहार
( ख ) खूब प्रचार
( ग ) भरपूर समर्थन
( घ भरपूर सम्मान
उत्तर– ( क)
3. ‘ कबीर के पद ‘ शीर्षक पाठ साहित्य की विधा है
( क ) पद
( ख ) गद्य
( ग ) दोहा
( घ ) छंद
उत्तर– ( क)
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4. कबीर किस भक्ति धारा के कवि थे ?
( क ) निर्गुण भक्ति धारा
( ख ) सगुण भक्ति धारा
( ग ) दोनो
( घ ) सभीगलतहैं
उत्तर– ( क )
5. कबीर के अनुसार व्यक्ति किस कारण सत्य की पहचान नहीं कर पाता है ?
( क ) अपनी अज्ञानता से
( ख ) मूढ़ता से
( ग ) दोनों सही हैं
( घ ) सभी गलत हैं.
उत्तर– ( ग )
6. कबीर के अनुसार मनुष्य को कैसा होना चाहिए ?
( क ) ईश्वरके प्रति अनुरागी
( ख ) अनुराग विहिन
( ग ) बाह्याडंबरों का पुजारी
( घ ) स्वार्थ लोलुप।
उत्तर– ( क )
7. ‘ मोको कहाँ ढूंढ़े , बंदे मैं तो मेरे पास में ‘ प्रस्तुत पंक्ति उद्भुत है
( क ) बिहारी के दोहे से
( ख ) पीपल से
( ग ) कबीर के पद से
( घ ) झाँसी की रानी से
उत्तर– ( ग )
8. ‘ मैं कहता हौं आँखिन देखी , तू कहता कागद की लेखी ‘ पंक्ति उद्भु है—
( क ) ‘ कबीर के पद‘ से
( ख ) ‘ पीपल‘ से
( ग ) ‘ कर्मवीर ‘ से
( घ ) ‘ बिहारी के दोहे‘ से.
उत्तर– ( क )
9. ‘ कागद का अर्थ है
( क ) पृथ्वी
( ख ) कलम
( ग ) स्याही
( घ ) कागज
उत्तर– ( घ )
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10. कबीर के अनुसार . सच्ची भक्ति क्या है ?
( क ) मानव सेवा
( ख ) यज्ञ हवन
( ग ) व्रत उपवास
( घ ) मूर्ति पूजन
उत्तर– ( क )
11. ‘ कबीर के पद ‘ शीर्षक पाठ किसकी रचना है ? अथवा , ‘ कबीर के पद ‘ रचनाकार कौन हैं ?
( क ) सूर दास
( ख ) कबीर दास
( ग ) नरोन्तम दास
( घ ) पुरूषोत्तम दास
उत्तर– ( ख )
12. कबीर किस काल के कवि हैं ?
( क ) आदि काल
( ख ) भक्ति काल
( ख ) रीति काल
( घ ) आधुनिक काल
उत्तर– ( ख )
13. कबीर की भाषा कैसी है ?
( क ) हिन्दी खड़ी बोली
( ख ) ब्रज भाषा
( ग ) अवधि
( घ ) सधुक्कड़ी।
उत्तर– ( घ )
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14. कबीर कैसे संत थे ?
( क ) सगुण वादी
( ख ) निर्गुण वादी
( ग ) दोनो
( घ ) सभी गलत हैं
उत्तर– ( ख )
15. भक्तिकाल के कवि हैं
( क ) गोपाल सिंह नेपाली
( ख ) अरूण कमल
( ग ) बिहारी
( घ ) कबीरदास
उत्तर – ( घ )
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16. ‘ मोको ‘ शब्द का अर्थ है
( क ) मैं
( ख ) तुम
( ग ) परमपिता( मुझे)
( घ ) सभी सत्य हैं
उत्तर– ( ग)
17. इनमें कौन निर्गुण भक्ति धारा के कवि हैं ?
( क ) तुलसी दास
( ख ) सूर दास
( ग ) वाल्मिकी
( घ ) जायसी।
उत्तर– ( घ)
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प्रत्येक पाठ को सरल तरीके से समझाया गया है जिससे कमजोर छात्र भी समझ सकें। यह नोट्स NCERT पाठ्यक्रम पर आधारित है। इस पोस्ट में Class 10th Non Hindi Book Solutions Notes के प्रत्येक पाठ की प्रत्येक पंक्ति का हिंदी में व्याख्या किया गया है। इस पोस्ट को पढ़कर आप अहिंदी परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त कर सकते हैं। प्रत्येक पाठ बिहार बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार किए गए है। प्रत्येक प्रश्न और पाठ को आसानी से समझाया गया है।