इस पाठ में हम Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 4 question answer संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः पीयूषम् भाग 2 संस्कृत की प्रत्येक पंक्ति का अर्थ उसके वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के साथ पढ़ेंगे।
इस अध्याय में आपको सभी प्रश्न और उत्तर के साथ-साथ सभी श्लोकों की व्याख्या भी मिल गई है। इन सभी बातों को चरण दर चरण हिंदी में पढ़ें और समझें।
Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 4. संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः पीयूषम् भाग 2 संस्कृत – हिन्दी व्याख्या
आपको बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं संस्कृत अध्याय 4 संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः के सभी प्रश्न और उत्तर अध्याय की व्याख्या के साथ देखने को मिलेंगे। यदि आप 10वीं कक्षा में हैं और संस्कृत के सभी चित्रों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको यह अध्याय अवश्य पढ़ना चाहिए।
Chapter4. संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः पीयूषम् भाग 2 संस्कृत – हिन्दी व्याख्या
विपुलं संस्कृतसाहित्यं विभिन्नैः कविभिः शास्त्रकारैश्च संवर्धितम्। वैदिकालादारभ्य शास्त्राणां काव्यानांञ्च रचने संरक्षणे यथा पुरुषाः दत्तचिताः अभवन् तथैव स्त्रियोऽपि दत्तावधानाः प्राप्यन्ते। वैदिकयुगे मन्त्राणां दर्शका न केवला ऋषयः, प्रत्युत ऋषिका अपि सन्ति। ऋग्वेदे चतुर्विंशतिरथर्ववेदे च पञ्च ऋषिकाः मन्त्रदर्शनवत्यो निर्दिश्यन्ते यथा- यमी, अपाला, उर्वशी, इन्द्राणी, वागाम्भृणी इत्यादयः।
विभिन्न कवियों और धर्मग्रंथ लेखकों ने विशाल संस्कृत साहित्य में योगदान दिया है। वैदिक काल से ही पुरुषों की तरह महिलाओं ने भी स्वयं को शास्त्रों और काव्य के निर्माण और संरक्षण के लिए समर्पित किया है। वैदिक युग में मन्त्रों के द्रष्टा ऋषि ही नहीं ऋषि भी होते थे। ऋग्वेद और चौबीस अथर्व वेदों में पांच ऋषियों यमी, अपाला, उर्वशी, इंद्राणी और वागंबरिणी का उल्लेख है जो मंत्रों के साक्षी थे।
बृहदारण्यकोपनिषदि याज्ञवल्क्यस्य पत्नी मैत्रेयी दार्शनिकरुचिमती वर्णिता यां याज्ञवल्क्य आत्मतत्वं शिक्षयति। जनकस्य सभायां शास्त्रार्थकुशला गार्गी वाचक्नवी तिष्ठति स्म। महाभारतेऽपि जीवनपर्यन्तं वेदान्तानुशीलनपरायाः सुलभाया वर्णनं लभ्यते।
बृहदारण्यक उपनिषद में याज्ञवल्क्य की पत्नी मैत्रेय को दार्शनिक रुचि वाली बताया गया है, जिन्हें याज्ञवल्क्य स्वयं शिक्षा देते हैं। गार्गी वाचकनवी अपने पिता के आंगन में खड़ी थीं, जो शास्त्रों में कुशल थे। महाभारत में सुलभा का भी वर्णन है, जिसने अपना जीवन वेदांत के अध्ययन के लिए समर्पित कर दिया था।
लौकिकसंस्कृतसाहित्ये प्रायेण चत्वारिंशत्कवयित्रीणां सार्धशतं पद्यानि स्फुटरूपेण इतस्ततो लभ्यन्ते। तासु विजयाङ्का प्रथम-कल्पा वर्तते। सा च श्यामवर्णासीदिति पद्येनानेन स्फुटीभवति-
लौकिक संस्कृत साहित्य में लगभग चालीस कवियों की आधा सैकड़ा कविताएँ यत्र-तत्र पाई जाती हैं। विजयंका उनमें से पहली हैं. और आयत से साफ़ है कि वह काली थी.
नीलोत्पलदलश्यामां विजयाङ्कामजानता।
वृथैव दण्डिना प्रोक्ता ‘सर्वशुक्ला सरस्वती‘।।
एक काली ब्लूबेरी की तरह और वह जानती थी कि वह जीतना चाहती है, यह कहना व्यर्थ है कि ‘सरस्वती बिल्कुल सफेद हैं’
तस्याः कालः अष्टमशतकमित्यनुमीयते। चालुक्यवंशीयस्य चन्द्रादित्यस्य राज्ञी विजयभट्टारिकैव विजयाङ्का इति मन्यते। किञ्च शीला भट्टारिका, देवकुमारिका, रामभद्राम्बा-प्रभृतयो दक्षिणभारतीयाः संस्कृतलेखिकाः स्वस्फुटपद्यैः प्रसिद्धाः।
इसकी तिथि आठवीं शताब्दी आंकी गई है। माना जाता है कि विजयभट्टरिका चालुक्य वंश के चंद्रादित्य की रानी थीं। इसके अलावा, शीला भट्टारिका, देवकुमारिका और रामभद्रम्बा जैसे दक्षिण भारतीय संस्कृत लेखक अपनी क्रिस्टल कविताओं के लिए प्रसिद्ध हैं।
विजयनगरराज्यस्य नरेशाः संस्कृतभाषासंरक्षणाय कृतप्रयासा आसन्निति विदितमेव। तेषामन्तःपुरेऽपि संस्कृतरचनाकुशलाः राज्ञयोऽभवन्। कम्पणरायस्य ( चतुर्दशशतकम् ) राज्ञी गंगादेवी ‘मधुराविजयम्‘ इति महाकाव्यं स्वस्वामिनो (मदुरै)- विजयघटनामाश्रित्यारचयत्। तत्रालङ्काराणां संनिवेशः आवर्जको वर्तते।
यह सर्वविदित है कि विजयनगर साम्राज्य के राजाओं ने संस्कृत भाषा के संरक्षण के लिए प्रयास किये थे। उसके आंतरिक दरबार में भी ऐसे राजा थे जो संस्कृत रचना में निपुण थे। कम्पनराय (चौदहवीं शताब्दी) की रानी गंगादेवी ने अपने गुरु (मदुरै) की विजय की घटना पर आधारित ‘मधुरविजयम्’ नामक महाकाव्य की रचना की। आभूषणों के प्रयोग से बचना चाहिए।
तस्मिन्नेव राज्ये षोडशशतके शासनं कुर्वतः अच्युतरायस्य राज्ञी तिरुमलाम्बा वरदाम्बिकापरिणय- नामकं प्रौढ़ं चम्पूकाव्यमरचयत्। तत्र संस्कृतगद्यस्य छटा समस्तपदावल्या ललितपदविन्यासेन चातीव शोभते। संस्कृतसाहित्ये प्रयुक्तं दीर्घतमं समस्तपदमपि तत्रैव लभ्यते।
सोलहवीं शताब्दी में उसी राज्य पर शासन करने वाली अच्युतराय की रानी थिरुमलम्बा ने वरदंबिकापरिणय नामक एक परिपक्व चंपू कविता की रचना की। वहां की संस्कृत गद्य शैली अपनी संपूर्ण पद्य व्यवस्था और सुंदर पद्य व्यवस्था के साथ अत्यंत सुंदर है। संस्कृत साहित्य में प्रयुक्त सबसे लम्बा सम्पूर्ण शब्द भी वहीं मिलता है।
आधुनिककाले संस्कृतलेखिकासु पण्डिता क्षमाराव (1890-1953 ई॰) नामधेया विदुषी अतीव प्रसिद्धा। तया स्वपितुः शंकरपाण्डुरंगपण्डितस्य महतो विदुषो जीवनचरितं ‘शंकरचरितम्‘ इति रचितम्।
पंडित क्षमाराव (1890-1953) आधुनिक काल के संस्कृत लेखकों में सबसे प्रसिद्ध विद्वान हैं। उन्होंने अपने पिता महान विद्वान शंकर पांडुरंगा पंडित की जीवनी ‘शंकरचरितम’ लिखी।
गान्धिदर्शनप्रभाविता सा सत्याग्रहगीता, मीरालहरी, कथामुक्तावली, विचित्रपरिषद्यात्रा, ग्रामज्योतिः इत्यादीन् अनेकान् पद्य-पद्यग्रन्थान् प्रणीतवती। वर्तमानकाले लेखनरतासु कवयित्रीषु पुष्पादीक्षित-वनमाला भवालकर – मिथिलेश कुमारी मिश्र-प्रभृतयोऽनुदिनं संस्कृतसाहित्यं पूरयन्ति।
गांधीजी के दर्शन से प्रभावित होकर उन्होंने सत्याग्रह गीता, मीर लहरी, कथा मुक्तावली, विचित्र परिषद यात्रा और ग्राम ज्योति जैसी कई काव्य रचनाएँ लिखीं। वर्तमान समय में जो कवि लिख रहे हैं उनमें पुष्पा दीक्षित, वनमाला भावलकर और मिथिलेश कुमारी मिश्र जैसी कवयित्रियाँ प्रतिदिन संस्कृत साहित्य को भरती रहती हैं।
संस्कृत कक्षा 10 ( संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः ) Objective Question answer 2024
प्रश्न 1. ‘संस्कृत साहित्य में लेखक’ पाठ किसके महत्व पर बल देता है?
(ए) आदमी का
(बी) दुष्टों का
(सी) महिला
(डी) सज्जन का
उत्तर : (सी) महिला
प्रश्न 2. पुरुष और महिला किसकी कार चलाते हैं?
(ए) शहर का
(बी) देश
(सी) प्रांत के
(डी) समाज का
उत्तर : (डी) समाज का
प्रश्न 3. आधुनिक संस्कृत लेखकों में क्या प्रसिद्ध है?
(ए) क्षमा
(बी) मिथिलेश कुमारी मिश्रा
(सी) शांति देवी
(डी) गंगा देवी
उत्तर : (ए) क्षमा
प्रश्न 4. शंकरचरित के लेखक कौन हैं?
(ए) पुष्पादिक्षिता
(बी) तिरुमलाम्बा
(सी) गंगादेवी
(डी) पंडित क्षमाराव:
उत्तर : (डी) पंडित क्षमाराव:
प्रश्न 5. अथर्ववेद में कितने ऋषि थे?
(ए) पांच
(बी) चौबीस
(सी) चालीस
(डी) दस
उत्तर : (ए) पांच
प्रश्न 6. गंगादेवी ने किस महाकाव्य की रचना की?
(ए) मीठी जीत
(बी) गाँव की रोशनी
(सी) रामायण
(डी) मिरलहारी
उत्तर : (ए) मीठी जीत
प्रश्न 7. विजयभट्टारिका किसकी रानी थी?
(ए) चंद्रगुप्त का
(बी)अशोक का
(सी) समुद्रगुप्त की
(डी) चंद्रमा और सूर्य का
उत्तर : (डी) चंद्रमा और सूर्य का
प्रश्न 8. शास्त्रार्थ में कुशल गार्गी वाचक्नबी किसकी सभा में बैठती थीं?
(ए) राम का
(बी)काले रंग का
(सी) माता पिता की
(D)अशोक का
उत्तर : (सी) माता पिता की
प्रश्न 9. विजय चिन्ह का रंग क्या था?
(ए) तनाव
(बी) सफेद
(सी) पीला
(डी) काला
उत्तर : (डी) काला
प्रश्न 10. जीवनी ‘शंकरचरितम्’ के लेखक कौन हैं?
(ए) क्षमा:
(बी) मिथिलेश कुमारी मिश्रा
(सी) शांति देवी
(डी) गंगा देवी
उत्तर : (ए) क्षमा:
प्रश्न 11. मिरलाहारी के कवि कौन हैं?
(ए) क्षमा
(बी) मिथिलेश कुमारी मिश्रा
(सी) शांति देवी
(डी) गंगा देवी
उत्तर : (ए) क्षमा
प्रश्न 12. ‘ग्रामज्योति’ किसने लिखी?
(ए) क्षमा
(बी) मिथिलेश कुमारी मिशनाह
(सी) शांति देवी
(डी) गंगा देवी
उत्तर : (ए) क्षमा
प्रश्न 13. जनक की सभा में शास्त्रार्थ में कौन कुशल है?
(ए) क्षमा
(बी) मिथिलेश कुमारी मिश्रा
(सी) शांति देवी
(डी) गार्गी
उत्तर : (डी) गार्गी
हिंदी में वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 14. ‘संस्कृत साहित्य लेखिकाः’ पाठ में किसका महत्व बताया गया है?
(ए) पुरुष
(बी) दुष्ट
(सी) सज्जन
(डी) महिला
उत्तर : (डी) महिला
प्रश्न 15. ‘पुरुषों और महिलाओं के सहयोग से किसकी गाड़ी चलती है?’
(ए) देश का
(बी) शहर के
(सी) प्रांत के
(डी) समाज का
उत्तर : (डी) समाज का
प्रश्न 16. आधुनिक काल के संस्कृत कवि कौन हैं?
(ए) तिरुमलाम्बा
(बी) विजयंका
(सी) सुलभ
(डी) पंडित क्षमाराव
उत्तर : (डी) पंडित क्षमाराव
प्रश्न 17. वर्तमान समय के संस्कृत लेखक कौन हैं?
(ए) गंगा देवी
(बी) सुलभ
(सी) मिथिलेश कुमारी मिश्रा
(डी) विजयंका
उत्तर : (सी) मिथिलेश कुमारी मिश्रा
प्रश्न 18. ‘अच्युतराय’ की रानी कौन थी?
(ए) इंद्राणी
(बी) गंगादेवी
(सी)उर्वशी
(डी) तिरुमलाम्बा
उत्तर : (डी) तिरुमलाम्बा
प्रश्न 19. शंकर-चरित्र की रचना किसने की?
(ए) पुष्पादिक्षिता
(बी) तिरुमलाम्बा
(सी) गंगादेवी
(डी) पं. माफ़ करें
उत्तर : (डी) पं. माफ़ करें
प्रश्न 20. ऋग्वेद में कितने मन्त्रदर्शन ऋषियों का उल्लेख है?
(ए) पांच
(बी) चौबीस
(सी) बीस
(डी) चालीस
उत्तर : (बी) चौबीस
प्रश्न 21. अथर्ववेद में कितनी महिलाओं का उल्लेख है?
(ए) 4
(बी) 5
(सी) 6
(डी) 2
उत्तर : (बी) 5
प्रश्न 22. महाकाव्य मधुरविजयम् की रचना किसने की? . . . .
(ए) पुष्पादिक्षिता
(बी) तिरुमलाम्बा
(सी) गंगादेवी
(डी) पं. माफ़ करें
उत्तर : (सी) गंगादेवी
प्रश्न 23. महाकाव्य ‘वदारम्बिकापमिया’ की रचना किसने की?
(ए) पुष्पादिक्षिता
(बी) तिरुमलाम्बा
(सी) गंगादेवी
(डी) पं. माफ़ करें
उत्तर : (बी) तिरुमलाम्बा
प्रश्न 24. क्षमाराव किस काल के लेखक हैं?
(ए) आधुनिक काल
(बी) मध्य युग
(सी) प्राचीन काल
(डी) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर : (ए) आधुनिक काल
प्रश्न 25. कम्पनराय की रानी कौन थी?
(ए) पुष्पादिक्षिता
(बी) तिरुमलाम्बा
(सी) गंगादेवी
(डी) पं. माफ़ करें
उत्तर : (सी) गंगादेवी
प्रश्न 26. जनक की सभा में शास्त्रार्थ में कौन विद्वान कुशल था?
(ए) पुष्पादिक्षिता
(बी) गार्गी
(सी) गंगादेवी
(डी) पं. माफ़ करें
उत्तर : (बी) गार्गी
प्रश्न 27. इंद्राणी का वर्णन किस वेद में है?
(ए) अथर्ववेद
(बी) ऋग्वेद
(सी) सामवेद
(डी) कोई नहीं
उत्तर : (ए) अथर्ववेद
प्रश्न 28. मीरा लहरी के लेखक कौन हैं?
(ए) पुष्पादिक्षिता
(बी) तिरुमलाम्बा
(सी) गंगादेवी
(डी) पं. माफ़ करें
उत्तर : (डी) पं. माफ़ करें
प्रश्न 29. किस युग में मंत्र द्रष्टा ऋषि ही नहीं ऋषि भी थे?
(ए)सामंती युग
(बी) कलियुग
(सी) वैदिक युग
(डी) सतयुग
उत्तर : (सी) वैदिक युग
प्रश्न 30. याज्ञवल्क्य की पत्नी कौन थी?
(ए) मैत्रेय
(बी) सुलभ
(सी) देवी
(डी) रामभद्रम्बा।
उत्तर : (ए) मैत्रेय
प्रश्न 31. याज्ञवल्क्य ने अपनी पत्नी को क्या सिखाया?
(ए) नीति का.
(बी) धर्म का
(सी) अर्थ का
(डी)स्वयं का
उत्तर : (डी)स्वयं का
प्रश्न 32. याज्ञवल्क्य ने आत्मतत्व का उपदेश किसे दिया?
(ए) मैत्रेय
(बी) गार्गी।
(सी) सुलभ के लिए
(डी) रामभद्रम्बा को
उत्तर : (ए) मैत्रेय
मौखिकः प्रश्न (संस्कृत में)
(क) विपुलं किम् अस्ति ?
उत्तर :- सस्कृतसाहित्यम्
(ख) विपुलं संस्कृतसाहित्यम् कैः सम्वर्द्धितम् ?
उत्तर :- कविशास्त्रकारैः
(ग) काव्यानाम् रचने संरक्षणे च काः दत्तावधानाः ?
उत्तर :- स्त्रियः
(घ) गङ्कादेवी किं महाकाव्यम् अरचयत् ?
उत्तर :- मधुरा विजयम्
(ङ) आधुनिक संस्कृतलेखिकासु का प्रसिद्धा ?
उत्तर :- क्षमारावा
पदार्थं वदत
(क) “लभ्यन्ते” इत्यस्य कः अर्थः ?
उत्तर :- प्रत्नुवन्ति
(ख) “इन्द्राणी” इत्यस्य कः अर्थः ?
उत्तर :- इन्द्रस्य पत्नी
(ग) “वर्तते” इत्यस्य कः अर्थः ?
उत्तर :- अस्ति
(घ) “आवर्जकः” इत्यस्य कः अर्थः ?
उत्तर :- मनोहरः
(ड) “ऋषिका” इत्यस्य कः अर्थः ?
उत्तर :- ऋषिपत्नी
लिखितः प्रश्न (संस्कृत)
(क) कस्मिन् युगे मन्त्राणां दर्शकाः न केवला ऋषयः प्रत्युत ऋषिका अपि सन्ति ?
उत्तर :- वैदिकयुगे।
(ख) वागाम्भृणी कस्मिन् ऋषिका निर्दिश्यते ?
उत्तर :- अथर्ववेद।
(ग) याज्ञवल्क्यस्य पत्नी का आसीत् ?
उत्तर :- मैत्रेयी।
(घ) गार्गी कस्य सभायां शास्त्रार्थकुशला वाचक्वनी तिष्ठति स्म ?
उत्तर :- जनकस्य।
(ड) लौकिक संस्कृत साहित्ये चत्वारिंशत्कवयित्रीणां प्रथमकल्पा का वर्तते ?
उत्तर :- विजयाङ्कन।
(च) लौकिक संस्कृतसाहित्ये कवीनां कवयित्रीणां वर्णन लभ्यते ?
उत्तर :- चत्वरिंशत्
(छ) विजयभट्टारिका कस्यं राज्ञी आसीत् ?
उत्तर :- चन्द्रादित्यस्य
लघु-उत्तरीय प्रश्नोत्तर (20-30 शब्दों में) ____दो अंक स्तरीय
प्रश्न 1. उपनिषद् में नारियों के योगदान काउल्लेख करें। (2018C)
उत्तर- बृहदारण्यक उपनिषद में याज्ञवल्क्य की पत्नी मैत्रेय की दार्शनिक रुचि का वर्णन है। गार्गी जनक के दरबार में प्रसिद्ध थी।
प्रश्न 2. संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है?
उत्तर- इस पाठ के माध्यम से हमें संस्कृत साहित्य के विकास में महिलाओं के योगदान के बारे में पता चलता है। वैदिक युग से लेकर आधुनिक काल तक ऋषि-मुनियों, कवियों और लेखकों ने संस्कृत साहित्य के प्रचार-प्रसार में अतुलनीय योगदान दिया है। संस्कृत लेखकों की एक लम्बी परम्परा है। संस्कृत भाषा की समृद्धि में महिलाओं की भी पुरुषों के बराबर भागीदारी थी।
प्रश्न 3. विजयनगर राज्य में संस्कृत भाषा की क्या स्थिति थी? तीन वाक्यों में उत्तर दें। (2012C)
उत्तर- विजयनगर सम्राट द्वारा संस्कृत भाषा के संरक्षण के लिए किए गए प्रयास अत्यंत सराहनीय हैं। उसके हरम में रानियाँ भी थीं जो संस्कृत लेखन में पारंगत थीं। रानी विजयभट्टारिका ने बहुत सारा संस्कृत साहित्य लिखा।
प्रश्न 4. ‘संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः’ पाठ में लेखक ने क्या विचार व्यक्त किए हैं?
उत्तर- ‘संस्कृत साहित्य में लेखिकाएँ’ पाठ में लेखिका का मानना है कि प्राचीन काल से लेकर आज तक महिलाओं ने संस्कृत साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दक्षिण भारत की महान साहित्यकार महिलाओं ने भी संस्कृत साहित्य को समृद्ध किया।
प्रश्न 5. संस्कृत में पण्डिता क्षमाराव के योगदान का वर्णन करें। (2018A)
उत्तर- पंडित क्षमाराव संस्कृत साहित्य के आधुनिक लेखकों में बहुत प्रसिद्ध हैं। शंकर का चरित्र उनकी अद्वितीय रचना है। गांधीजी के दर्शन से प्रभावित होकर सत्याग्रह गीता, मीरलहारी, कथामुक्तावली, ग्रामज्योति, विचित्र परिषद यात्रा आदि लिखी गई हैं।
प्रश्न 6. संस्कृतसाहित्य में दक्षिण भारतीय महिलाओं के योगदानों का वर्णन करें।
उत्तर- चालुक्य वंश की रानी विजयभट्टारिका ने धर्मनिरपेक्ष संस्कृत साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया। लगभग चालीस दक्षिण भारतीय महिलाओं ने एक सौ पचास संस्कृत कविताओं की रचना की है। इन महिलाओं में गंगादेवी, तिरुमलम्बा, शिलाभट्टारिका, देवकुमारिका और रामभद्रम्बा शामिल हैं।
प्रश्न 7. संस्कृतसाहित्य में आधुनिक समय के लेखिकाओं के योगदानों की चर्चा करें।
उत्तर- पंडित क्षमाराव संस्कृत साहित्य के आधुनिक लेखकों में बहुत प्रसिद्ध हैं। शंकरचरितम्, सत्याग्रह गीता, मीरलहारी, कथामुक्तावली, विचित्र परिषद् यात्रा, ग्रामज्योति तथा अनेक गद्य एवं पद्य पुस्तकें। वर्तमान महिला कवयित्रियों में पुष्पा दीक्षित, वनमाला भावलकर, मिथिलेश कुमारी मिश्र आदि संस्कृत साहित्य को दिन-प्रतिदिन समृद्ध कर रही हैं।
प्रश्न 8. संस्कृत साहित्य के संवर्धन में महिलाओं के योगदान का वर्णन करें। (2015A, 2016C)
उत्तर- वैदिक काल से ही महिलाओं ने संस्कृत साहित्य के निर्माण और संरक्षण में महान योगदान दिया है। ऋग्वेद में चौबीस और अथर्ववेद में पाँच स्त्रियाँ हैं। यमी, अपाला, उर्वशी, इंद्राणी और वागंभरी मंत्रों की मार्गदर्शक हैं। गंगादेवी, तिरुमलाम्बा, शिलाभट्टारिका और देवकुमारिका जैसी दक्षिणी महिलाओं ने भी साहित्यिक निर्माण में योगदान दिया। पंडिता क्षमाराव, पुष्पादिक्षिता, वनमाला भावलकर और कई अन्य आधुनिक महिलाओं ने भी योगदान दिया है। इस प्रकार, भारत में महिलाओं ने सदैव संस्कृत साहित्य में योगदान दिया है।
अधोलिखितानि रिक्तस्थानानि पूरयत
- (क) बृहदारण्यकोपनिषदि याज्ञवल्कस्य पत्नी……………..वर्णिता ।
- (ख) जनकस्य सभायां शास्त्रार्थकुशला ……………….वाचक्वनी तिष्ठति स्म।
- (ग) लौकिक संस्कृत साहित्ये प्रायेण ………………..कवयित्रीणां सार्धशतं पद्यानि लभ्यन्ते ।
- (घ) तासु ……………………प्रथम कल्पा वर्तते।
- (ड़) सा च …………………….वर्णासीदिति।
- (च) चन्द्रादित्यस्य राज्ञी ………………………….एव विजयाङ्का इति मन्यन्ते।
- (छ) आधुनिककाले संस्कृतलेखिकासु ……………..नामधेया विदुषी अतीव प्रसिद्धा।
- (ज) षोडषशतके अच्युतरायस्य राज्ञी तिरूमलाम्बा ……………………नामक प्रौढ़ चम्पूकाव्यम् अरचयत्।
उत्तर- (क) मैत्रेयी , (ख) गार्गी, (ग) चत्वरिंशत, (घ) विजयाङ्कन , (ड़) श्याम , (च) विजयभट्टारिक (छ) क्षमाराव (ज) वरदाम्बिकापरिणय
संस्कृत पीयूषम् भाग 2 Subjective
- Chapter 1 मङ्गलम्
- Chapter 2 पाटलिपुत्रवैभवम्
- Chapter 3 अलसकथा
- Chapter 4 संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः
- Chapter 5 भारतमहिमा
- Chapter 6 भारतीयसंस्काराः
- Chapter 7 नीतिश्लोकाः
- Chapter 8 कर्मवीर कथाः
- Chapter 9 स्वामी दयानन्दः
- Chapter 10 मन्दाकिनीवर्णनम्
- Chapter 11 व्याघ्रपथिककथाः
- Chapter 12 कर्णस्य दानवीरता
- Chapter 13 विश्वशांतिः
- Chapter 14 शास्त्रकाराः
मुझे आशा है कि आपको Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 4 question answer संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः हिन्दी व्याख्या (पीयूषम् भाग 2) के सभी पाठ स्पष्टीकरण पढ़ने में आनंद आया होगा। इसे पढ़ने के बाद आपको निश्चित रूप से अच्छे अंक मिलेंगे। इन सभी पाठों को आसान भाषा में बहुत अच्छे से तैयार किया गया है ताकि आप सभी को आसानी से समझ आ सके।