Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 14 Notes शास्त्रकाराः | पीयूषम् भाग 2 संस्‍कृत

इस पाठ में हम Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 14 Notes शास्त्रकाराः ( शास्त्र रचयिता ) Question Answer पीयूषम् भाग 2 संस्‍कृत की प्रत्येक पंक्ति का अर्थ उसके वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के साथ पढ़ेंगे।

Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 14 Notes शास्त्रकाराः | पीयूषम् भाग 2 संस्‍कृत

इस अध्याय में आपको सभी प्रश्न और उत्तर के साथ-साथ सभी श्लोकों की व्याख्या भी मिल गई है। इन सभी बातों को चरण दर चरण हिंदी में पढ़ें और समझें।

Bihar Board Class 11 Sanskrit Chapter 14 शास्त्रकाराः Question Answer पीयूषम् भाग 2 संस्‍कृत व्याख्या

Class 10 Sanskrit Chapter 14 शास्त्रकाराः | पीयूषम् भाग 2 संस्‍कृत व्याख्या

पाठ परिचय- यह पाठ एक नव निर्मित इंटरैक्टिव पाठ है जो प्राचीन भारतीय ग्रंथों और उनके प्रमुख लेखकों का परिचय देता है। इससे भारतीय सांस्कृतिक संपदा के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न होगी- यही इस पाठ का उद्देश्य है।

(भारते वर्षे शास्त्राणां महती परम्परा श्रूयते। शास्त्राणि प्रमाणभूतानि समस्तज्ञानस्य स्रोतःस्वरूपाणि सन्ति। अस्मिन् पाठे प्रमुखशास्त्राणां निर्देशपूर्वकं तत्प्र वर्तकानाञ्च निरूपणं विद्यते। मनोरञ्जनाय पाठेऽस्मिन् प्रश्नोत्तरशैली आसादिता वर्तते।)
भारतीय शास्त्रों की एक महान परम्परा सुनने को मिलती है। शास्त्रों का स्वरूप ही समस्त ज्ञान का स्रोत है। इस पुस्तक में मुख्य ग्रंथों को उनके प्रवर्तकों द्वारा शिक्षाप्रद ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इस पाठ में मनोरंजन के लिए प्रश्न-उत्तर शैली अपनाई गई है।

शास्त्रकाराः (शास्त्र रचयिता)व्याख्या

(शिक्षकः कक्षायां प्रविशति, छात्राः सादरमुत्थाय तस्याभिवादनं कुर्वन्ति ।)
(शिक्षक कक्षा में प्रवेश करता है, छात्र खड़े होते हैं और सम्मानपूर्वक उसका स्वागत करते हैं।)

शिक्षकः- उपविशन्तु सर्वे। अद्य युष्माकं परिचयः संस्कृतशास्त्रैः भविष्यति।
शिक्षकः- सब लोग बैठ जाओ. आज आपका परिचय संस्कृत ग्रंथों से कराया जाएगा।

युवराजः- गुरुदेव । शास्त्रं किं भवति ?
युवराज:- गुरुदेव! धर्मग्रंथ क्या है?

शिक्षकः- शास्त्रं नाम ज्ञानस्य शासकमस्ति। मानवानां कर्त्तव्याकर्त्तव्यविषयान् तत् शिक्षयति। शास्त्रमेव अधुना अध्ययनविषयः (Subject) कथ्यते, पाश्चात्यदेशेषु अनुशासनम् (discipline) अपि अभिधीयते। तथापि शास्त्रस्य लक्षणं धर्मशास्त्रेषु इत्थं वर्तते –
अध्यापक:- शास्त्र नामक वस्तु ज्ञान की अधिष्ठात्री है। वह मनुष्य के कर्तव्य तथा अकर्तव्यों की शिक्षा देता है। आजकल शास्त्र को ही अध्ययन का विषय कहा जाता है। पश्चिमी देशों में इसे अनुशासन भी कहा जाता है। इसके बाद भी धर्मग्रन्थों में धर्मग्रन्थों की विशेषताएँ विद्यमान हैं –

प्रवृत्तिर्वा निवृत्तिर्वा नित्येन कृतकेन वा।
पुंसां येनोपदिश्येत तच्छास्त्रमभिधीयते।

जिस माध्यम से मनुष्य को सांसारिक विषयों या मानव निर्मित विषयों के प्रति लगाव या वैराग्य का समुचित ज्ञान होता है उसे धर्म शास्त्र कहते हैं। इसका मतलब यह है कि जिस शास्त्र से हमें यह ज्ञान मिलता है कि कौन सा आचरण अपनाना है और कौन सा आचरण छोड़ना है, उसे धर्मशास्त्र कहा जाता है।

अभिनवः- अर्थात् शास्त्रं मानवेभ्यः कर्त्तव्यम् अकर्तव्यञ्च बोधयति। शास्त्रं नित्यं भवतु वेदरूपम्, अथवा कृतकं भवतु ऋष्यादिप्रणीतम्।
अभिनव: अर्थात् शास्त्र हमें मनुष्य के कर्तव्य और अकर्तव्य का बोध कराते हैं। वेद रूपी ग्रन्थ नित्य हैं अथवा ऋषियों द्वारा रचित ग्रन्थ कृत्रिम हैं।

शिक्षकः- सम्यक् जानासि वत्स ! कृतकं शास्त्रं ऋषयः अन्ये विद्वांसः वा रचितवन्तः। सर्वप्रथम षट् वेदाङ्गानि शास्त्राणि सन्ति। तानि – शिक्षा, कल्पः, व्याकरणम्, निरुक्तम्, छन्दः ज्योतिषं चेति।
अध्यापक:- यह सही है, वत्स! कृत्रिम ग्रंथों की रचना ऋषि-मुनियों अथवा अन्य विद्वानों द्वारा की गयी है। सबसे पहले, छह ग्रंथ हैं जो वेदों का हिस्सा हैं – शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद और ज्योतिष।

इमरानः- गुरुदेव ! एतेषां विषयाणां के-के प्रणेतारः ?
इमरान: गुरुदेव. इन विषयों के लेखक कौन हैं?

शिक्षकः- शृणुत यूयं सर्वे सावहितम्। शिक्षा उच्चारणप्रक्रियां बोधयति। पाणिनीयशिक्षा तस्याः प्रसिद्धो ग्रन्थः। कल्पः कर्मकाण्डग्रन्थः सूत्रात्मकः। बौधायन-भारद्वाज-गौतम वसिष्ठादयः ऋषयः अस्य शास्त्रस्य रचयितारः। व्याकरणं तु पाणिनिकृतं प्रसिद्धम्।
टीचर:- तुम लोग ध्यान से सुनो. शिक्षा से उच्चारण का ज्ञान होता है। पाणिनि शिक्षा उनकी प्रसिद्ध पुस्तक है। कल्प एक सूत्रबद्ध कर्मकाण्ड ग्रन्थ है। बौधायन, भारद्वाज, गौतम, वशिष्ठ आदि ऋषि इस ग्रंथ के रचयिता हैं। पाणिनीकृत व्याकरण प्रसिद्ध है।

निरुक्तस्य कार्य वेदार्थबोधः। तस्य रचयिता यास्कः। छन्दः पिङ्गलरचिते सूत्रग्रन्थे प्रारब्धम्। ज्योतिषं लगधरचितेन वेदाङ्गज्योतिषग्रन्थेन प्रावर्तत।
निरुक्त का कार्य वेद का अर्थ समझाना है। इसके लेखक यासक हैं। छंदशास्त्र पिंगल द्वारा लिखित पुस्तक है। लगध द्वारा लिखित वेदांग ज्योतिष ग्रंथ से ज्योतिष शास्त्र लिखा गया।

अब्राहमः- किमेतावन्तः एव शास्त्रकाराः सन्ति ?
इब्राहीम:- क्या ये सभी लोग शास्त्र लिख रहे हैं?

शिक्षकः- नहि नहि। एते प्रवर्तकाः एव। वस्तुतः महती परम्परा एतेषां शास्त्राणां परवर्तिभिः सञ्चालिता। किञ्च, दर्शनशास्त्राणि षट् देशेऽस्मिन् उपक्रान्तानि।
टीचर:- नहीं नहीं! ये सभी संस्थापक हैं. दरअसल, इन ग्रंथों की एक बड़ी परंपरा को पूर्व के लोगों ने आगे बढ़ाया है। क्योंकि इस देश में छह दर्शन प्रचलित थे।

श्रुतिः- आचार्यवर ! दर्शनानां के-के प्रवर्तकाः शास्त्रकाराः ?
श्रुति: आचार्य श्रेष्ठ! दर्शनशास्त्र के लेखक कौन हैं?

शिक्षकः- सांख्यदर्शनस्य प्रवर्तकः कपिलः। योगदर्शनस्य पतञ्जलिः। एवं गौतमेन न्यायदर्शनं रचितं कणादेन च वैशेषिकदर्शनम्। जैमिनिना मीमांसादर्शनम्, बादरायणेन च वेदान्तदर्शनं प्रणीतम्। सर्वेषां शताधिकाः व्याख्यातारः स्वतन्त्रग्रन्थकाराश्च वर्तन्ते।
अध्यापक:- कपिल सांख्य दर्शन का प्रचार करने जा रहे हैं। योगदर्शन के पतंजलि. इसी प्रकार न्याय दर्शन की रचना गौतम ने और वैशेषिक दर्शन की रचना कणाद ने की थी। मीमांशा दर्शन जैमिनी द्वारा लिखा गया था और वेदांत दर्शन बदरायण द्वारा लिखा गया था। कुल मिलाकर सौ से अधिक व्याख्याता और स्वतंत्र लेखक हैं।

गार्गी- गुरुदेव ! भवान् वैज्ञानिकानि शास्त्राणि कथं न वदति ?
गार्गी- गुरुदेव! वैज्ञानिक विज्ञान के बारे में बात क्यों नहीं करते?

शिक्षकः- उक्तं कथयसि । प्राचीनभारते विज्ञानस्य विभिन्नशाखानां शास्त्राणि प्रावर्तन्त। आयुर्वेदशास्त्रे चकरसहिता, सुश्रुतसंहिता चेति शास्त्रकारनाम्नैव प्रसिद्ध स्तः। तत्रैव रसायनविज्ञानम्, भौतिकविज्ञानञ्च अन्तरर्भू स्तः। ज्योतिषशास्त्रेऽपि खगोलविज्ञानं गणितम् इत्यादीनि शास्त्राणि सन्ति। आर्यभटस्य ग्रन्थः आर्यभटीयनामा प्रसिद्धः ।
टीचर:- ऐसा कहा जाता है. प्राचीन भारत में विज्ञान की विभिन्न शाखाओं पर ग्रंथों की रचना की गई। आयुर्वेद शास्त्र में ये दोनों चरक संहिता और सुश्रुत संहिता शास्त्रकार के नाम से प्रसिद्ध हैं। इसमें रसायन विज्ञान और भौतिकी शामिल हैं। ज्योतिष में खगोल विज्ञान, गणित आदि विज्ञान भी शामिल हैं। आर्यभट्ट की पुस्तक आर्यभटियनम प्रसिद्ध है।

एवं वराहमिहिरस्य बृहत्संहिता विशालो ग्रन्थः यत्र नाना विषयाः समन्विताः। वास्तुशास्त्रमपि अत्र व्यापक शास्त्रमासीत्। कृषिविज्ञानं च पराशरेण रचितम्। वस्तुतो नास्ति शास्त्रकाराणाम् अल्पा संख्या।
वास्तुशास्त्र भी यहाँ का एक बड़ा विज्ञान था। तथा कृषि विज्ञान की रचना पाराशर ने की थी। इसी प्रकार वराहमिहिर की बृहत्संहिता भी एक विशाल ग्रंथ है जिसमें अनेक विषयों का समावेश है।

वर्गनायकः- गुरुदेव ! अद्य बहुज्ञातम्। प्राचीनस्य भारतस्य गौरवं सर्वथा समृद्धम्।
वर्गनायक:- गुरुदेव! आज बहुत सारी जानकारी मिली. प्राचीन भारत का गौरव सदैव समृद्ध रहा है।

(शिक्षकः वर्गात् निष्क्रामति। छात्राः अनुगच्छन्ति)
(शिक्षक वर्ग से निकलते हैं। उनके पीछे-पीछे छात्र भी निकलते हैं।)

Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 14 शास्त्रकाराः Objective Question Answer पीयूषम् भाग 2

प्रश्न 1. ‘भारत में किसकी महान परंपरा सुनी जाती है?
(ए) किताबों का
(बी) ग्रंथों का
(सी) धर्मग्रंथों का
(डी) स्वतंत्र लेखक
उत्तर : (सी) धर्मग्रंथों का

प्रश्न 2. धर्मग्रंथों का स्रोत क्या है?
(ए) सांसारिक का
(बी) भगवान का
(सी) स्कूल का
(डी) सभी ज्ञान का
उत्तर : (डी) सभी ज्ञान का

प्रश्न 3. ‘शास्त्र’ पाठ में कौन सी शैली पाई जाती है?
(ए) प्रश्न शैली
(बी) उत्तर-शैली
(सी) प्रश्न-उत्तर शैली
(डी) बातचीत की शैली
उत्तर : (सी) प्रश्न-उत्तर शैली

प्रश्न 4. छात्र किसे नमस्कार करते हैं?
(ए) शिक्षक का
(बी) छात्र का
(सी) बच्चे का
(घ) राजा का।
उत्तर : (ए) शिक्षक का

प्रश्न 5. अब अध्ययन का विषय क्या है?
(ए) धर्मग्रंथ
(बी) ज्ञान
(सी) अध्ययन
(डी) वृक्षारोपण
उत्तर : (सी) अध्ययन

प्रश्न 6. क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसके बारे में शास्त्र क्या सिखाते हैं?
(ए) राक्षसों से
(बी) मनुष्यों के लिए
(सी) जानवरों से
(डी) छात्रों के लिए।
उत्तर : (बी) मनुष्यों के लिए

प्रश्न 7. कक्षा में कौन प्रवेश करता है?
(एक अध्यापक
(बी) छात्र
(सी) प्रिंसिपल
(डी) क्लर्क
उत्तर : (एक अध्यापक

प्रश्न 8. छह अंग किसके होते हैं?
(ए) रामायण
(बी) महाभारत
(सी) पुराण
(डी) वेदों का
उत्तर : (डी) वेदों का

प्रश्न 9. व्याकरण को किसने प्रसिद्ध किया?
(ए) व्यास द्वारा
(बी) पाणिनि द्वारा
(सी)चाणक्य द्वारा
(डी) आर्यभट्ट
उत्तर : (बी) पाणिनि द्वारा

प्रश्न 10. छात्रों को किस चीज़ से परिचित कराया जाएगा?
(ए) संस्कृत ग्रंथों द्वारा
(बी) अंग्रेजी ग्रंथों द्वारा
(सी) भोजपुरी ग्रंथ
(डी) हिंदी ग्रंथ
उत्तर : (ए) संस्कृत ग्रंथों द्वारा

प्रश्न 11. न्याय दर्शन के प्रचारक कौन हैं?
(ए) कपिल
(बी) गौतम
(सी) कणाद
(डी)तेल
उत्तर : (बी) गौतम

प्रश्न 12. ‘आर्यभट्टीयम’ किसकी रचना है?
(ए) पाराशर का
(बी) चरक का
(सी) सुश्रुत
(डी) आर्यभट्ट
उत्तर : (डी) आर्यभट्ट

प्रश्न 13 भारत में कौन सी महत्वपूर्ण परंपरा पवित्र है?
(एक किताब
(बी) किताब
(सी)शास्त्र
(डी) कोई नहीं
उत्तर : (सी)शास्त्र

प्रश्न 14. कक्षा में कौन प्रवेश करता है?
(एक अध्यापक
(बी) छात्र
(सी)मकान
(डी) क्लर्क
उत्तर : (एक अध्यापक

प्रश्न 15 . जाति छह अंग हैं?
(ए)रामायण
(बी)महाभारत
(सी) पुराण
(डी) वेद
उत्तर : (डी) वेद

प्रश्न 16. विद्यार्थी किसे नमस्कार करते हैं?
(एक अध्यापक
(बी) बच्चा
(सी) राजा
(डी) छात्र
उत्तर : (एक अध्यापक

प्रश्न 17. शास्त्रकार पाठ किस शैली में है?
(ए)प्रश्न शैली
(बी) उत्तर-शैली
(सी)प्रश्न-उत्तर शैली
(डी)बातचीत शैली
उत्तर : (सी)प्रश्न-उत्तर शैली

प्रश्न 18. किसका व्याकरण प्रसिद्ध है?
(ए) व्यास
(बी) पाणिनि
(सी)चाणक्य
(डी) आर्यभट्ट
उत्तर : (बी) पाणिनि

प्रश्न 19. ज्ञान का शासक कौन है?
(ए) शास्त्र
(बी) विवेक
(सी) ज्ञान
(डी) पैसा
उत्तर : (ए) शास्त्र

प्रश्न 20. मनुष्य को उसकी कर्त्तव्यता और कर्तव्य का बोध कौन करता है?
(ए) शास्त्र
(बी) विवेक
(सी) ज्ञान
(डी) पैसा
उत्तर : (ए) शास्त्र

प्रश्न 21. वेदांग कितने हैं?
(ए) तीन
(बी) छह
(सी)पांच
(डी) चार
उत्तर : (बी) छह

प्रश्न 22. उच्चारण क्रिया का बोध कौन करता है?
(ए) शिक्षा
(बी)कल्पा
(सी) श्लोक
(डी)ज्योतिष
उत्तर : (ए) शिक्षा

प्रश्न 23. निरुक्त के लेखक कौन हैं?
(ए) व्यास
(बी) पाणिनि
(सी)चाणक्य
(डी) यास्क
उत्तर : (डी) यास्क

प्रश्न 24.श्लोक के लेखक कौन हैं?
(ए) व्यास
(बी) पाणिनि
(सी)पिंगल
(डी) यास्क
उत्तर : (सी)पिंगल

प्रश्न 25. ज्योतिष शास्त्र के लेखक कौन हैं?
(ए) व्यास
(बी) पाणिनि
(सी)लघधर
(डी) यास्क
उत्तर : (सी)लघधर

प्रश्न 26. संस्कारों का निर्माता कौन है?
(ए) व्यास
(बी) गौतम
(सी)चाणक्य
(डी) यास्क
उत्तर : (बी) गौतम

प्रश्न 27. सांख्य दर्शन के संस्थापक कौन हैं?
(ए) कपिल
(बी)तेल
(सी) गौतम
(डी) कणाद
उत्तर : (ए) कपिल

प्रश्न 28. योग दर्शन के संस्थापक कौन हैं?
(ए) कपिल
(बी)तेल
(सी) गौतम
(डी) कणाद
उत्तर : (बी)तेल

प्रश्न 29. वैशेषिक दर्शनिक के संस्थापक कौन हैं?
(ए) कपिल
(बी)तेल
(सी) गौतम
(डी) कणाद
उत्तर : (डी) कणाद

प्रश्न 30. मीमांसादर्शन के संस्थापक कौन हैं?
(ए) कपिल
(बी)तेल
(सी) गौतम
(डी) जैमिनि
उत्तर : (डी) जैमिनि

प्रश्न 31. वेदांत दर्शन के संस्थापक कौन हैं?
(ए) कपिल
(बी)तेल
(सी) गौतम
(डी) बादरायण
उत्तर : (डी) बादरायण

प्रश्न 32. कृषि विज्ञान लिखा?
(ए) कपिल
(बी) पाराशर
(सी) गौतम
(डी) बादरायण
उत्तर : (बी) पाराशर

प्रश्न 33. बृहत्संहिता के लेखक कौन हैं?
(ए) कपिल
(बी)तेल
(सी) आर्यभट्ट
(डी) वराहमिहिर
उत्तर : (डी) वराहमिहिर

प्रश्न 34. जो संगति को विषय-वस्तु से राग या वैराग्य का उपदेश देता है, वह कहता है
(ए) शास्त्र
(बी) विवेक
(सी) ज्ञान
(डी) पैसा
उत्तर : (ए) शास्त्र

प्रश्न 35. चरसंहिता क्या है?
(ए)आयुर्वेद शास्त्र
(बी)धनार्वेद शास्त्र
(सी) वास्तु शास्त्र
(डी) गणित
उत्तर : (ए)आयुर्वेद शास्त्र

प्रश्न 36.’सांख्य दर्शन’ के प्रवर्तक कौन थे?
(ए) कनाडा
(बी) कपिल
(सी) पाराशर
(डी)चाणक्य
उत्तर : (बी) कपिल

प्रश्न 37. वेदों के कितने भाग हैं?
(ए) पांच
(बी) छह
(सी) सात
(डी) आठ
उत्तर : (बी) छह

प्रश्न 38. शिक्षा का तात्पर्य क्या है?
(विज्ञान
(बी) रचना
(सी) सोच रहा हूँ
(डी) उच्चारण की प्रक्रिया
उत्तर : (डी) उच्चारण की प्रक्रिया

प्रश्न 39. पाणिनि किस लिए प्रसिद्ध है?
(ए) सिद्धांत
(बी) व्यवहार
(सी) साहित्य
(डी) व्याकरण
उत्तर : (डी) व्याकरण

प्रश्न 40. संस्कृत ग्रंथों से किसे परिचित कराया जाएगा?
(ए) शिक्षकों की
(बी) पुरुषों का
(सी) शिक्षक
(D) विद्यार्थियों का
उत्तर : (D) विद्यार्थियों का

प्रश्न 41. कपिल किस दर्शन के प्रवर्तक थे?
(ए) योग के दर्शन का
(बी) सांख्य दर्शन के
(सी) न्याय दर्शन के
(डी) भीमंस दर्शन का
उत्तर : (बी) सांख्य दर्शन के

प्रश्न 42. गुरु ने शास्त्रों की विशेषता के बारे में क्या कहा?
(ए) राज्य का शासक
(बी) शिक्षा राज्यपाल
(सी) ज्ञान का शासक
(डी) धर्म का शासक
उत्तर : (सी) ज्ञान का शासक

प्रश्न 43 वेद स्वरूप धर्मग्रन्थ क्या है? . . . . . . . . . . . . . . . .
(ए) हमेशा
(बी) अनंत
(सी) एजेंट
(डी) अनुत्पादक
उत्तर : (ए) हमेशा

प्रश्न 44. निरुक्त का क्या कार्य है?
(ए) अर्थ संबंधी समझ
(बी) ज्ञान की धारणा
(सी) वेदों का अर्थ समझना
(घ) धर्म और अर्थ का बोध
उत्तर : (सी) वेदों का अर्थ समझना

प्रश्न 45. आर्यभट्ट की पुस्तक का नाम क्या है?
(ए) चरक संहिता
(बी) सुश्रुत संहिता
(सी) खगोल विज्ञान
(डी) आर्यभट्टीयम
उत्तर : (डी) आर्यभट्टीयम

प्रश्न 46. बृहत् संहिता में कौन से विषय शामिल हैं?
(ए) आयुर्वेद
(बी) रसायन विज्ञान
(सी) खगोल विज्ञान
(डी) विभिन्न विषय
उत्तर : (डी) विभिन्न विषय

प्रश्न 47. पाराशर ने किसकी रचना की?
(ए) कृषि विज्ञान
(बी) भूविज्ञान
(सी) भौतिकी
(डी) रसायन विज्ञान
उत्तर : (ए) कृषि विज्ञान

प्रश्न 48. मीमांसा दर्शन का प्रवर्तन जैमिनी और ….बादरायण ने किया। रिक्त स्थान भरें।
(ए) न्याय का दर्शन
(बी) सांख्य दर्शन
(सी) वेदांत दर्शन
(डी) सैद्धांतिक दर्शन
उत्तर : (सी) वेदांत दर्शन

प्रश्न 49. प्राचीन भारत का ………. बिल्कुल अमीर. रिक्त स्थान भरें।
(एक जीवन
(बी) गौरव
(सी) ज्ञान
(डी) राय
उत्तर : (बी) गौरव

प्रश्न 50. ‘भारत में कौन सी महान परंपरा सुनी जाती है?
(ए) किताबों का
(बी) ग्रंथों का
(सी) धर्मग्रंथों का
(डी) स्वतंत्र लेखक
उत्तर : (सी) धर्मग्रंथों का

प्रश्न 51. धर्मग्रंथ किसके स्रोत हैं?
(ए) सांसारिक का
(बी) भगवान का
(सी) स्कूल के
(डी) सभी ज्ञान का
उत्तर : (डी) सभी ज्ञान का

प्रश्न 52. ‘शास्त्र’ पाठ में कौन सी शैली पाई जाती है?
(ए)प्रश्न-शैली
(बी) उत्तर-शैली
(सी) प्रश्न-उत्तर शैली
(डी) बातचीत-शैली
उत्तर : (सी) प्रश्न-उत्तर शैली

प्रश्न 53. छात्र किसे नमस्कार करते हैं?
(ए) शिक्षक का
(बी) छात्र का
(सी) बच्चे का
(डी) राजा का
उत्तर : (ए) शिक्षक का

प्रश्न 54.अब अध्ययन का विषय क्या है?
(ए) धर्मग्रंथ
(बी) ज्ञान
(सी) अध्ययन
(डी) वृक्षारोपण
उत्तर : (सी) अध्ययन

प्रश्न 55. धर्मग्रंथ किसको सिखाता है कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए?
(ए) राक्षसों से
(बी) मनुष्यों के लिए
(सी) प्रिंसिपल
(डी) छात्रों के लिए
उत्तर : (बी) मनुष्यों के लिए

प्रश्न 56. कक्षा में कौन प्रवेश करता है?
(ए) शिक्षक
(बी) छात्र
(सी) प्रिंसिपल
(डी) क्लर्क
उत्तर : (ए) शिक्षक

प्रश्न 57. किसके छह अंग हैं?
(ए) रामायण के
(बी)महाभारत के
(सी) पुराणों की
(डी)वेदों का
उत्तर : (डी)वेदों का

प्रश्न 58. व्याकरण को किसने प्रसिद्ध किया?
(ए) व्यास द्वारा
(बी) पाणिनि द्वारा
(सी)चाणक्य द्वारा
(डी) आर्यभट्ट
उत्तर : (बी) पाणिनि द्वारा

Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 14 शास्त्रकाराः Subjective Question Answer | पीयूषम् भाग 2 संस्‍कृत वस्तुनिष्ठ प्रश्न

लघु-उत्तरीय प्रश्नोत्तर (20-30 शब्दों में) ____दो अंक स्तरीय

प्रश्‍न 1. शास्त्रमानवेभ्यः किं शिक्षयति?  (2018A)
उत्तर: शास्त्र मनुष्य को उसके कर्तव्य और अकर्तव्य का बोध कराते हैं। शास्त्र ज्ञान का शासक है। अच्छे कर्म व बुरे कर्म, सत्य व असत्य आदि की जानकारी शास्त्रों से ही मिलती है।

प्रश्‍न 2. षट् वेदांगों के नाम लिखें। (2020AІІ)
उत्तर: छह वेदांग हैं – शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्तम, छंद और ज्योतिष।

प्रश्‍न 3. भारतीय दर्शनशास्त्र और उनके प्रवर्त्तकों की चर्चा करें।  (2020AІ)
उत्तर: भारतीय दर्शन छह हैं। कपिल सांख्य दर्शन के प्रवर्तक थे, पतंजलि योग दर्शन के प्रवर्तक थे, गौतम न्याय दर्शन के प्रवर्तक थे, कणाद वैशेषिक दर्शन के प्रवर्तक थे, जैमिनी मीमांसा दर्शन के प्रवर्तक थे और ऋषि बादरायण वेदांत दर्शन के प्रवर्तक थे।

प्रश्‍न 4. ज्योतिषशास्त्र के अन्तर्गत कौन-कौन शाखा तथा उनके प्रमुख ग्रन्थ कौन से हैं? (2018A)
उत्तर: ज्योतिष में खगोल विज्ञान, गणित आदि विज्ञान शामिल हैं। आर्यभटीयम्, वृहत्संहिता आदि उनके प्रमुख ग्रंथ हैं।

प्रश्‍न 5.कल्प ग्रन्थों के प्रमुख रचनाकारों का नामोल्लेख करें।  (2018A)
उत्तर: कल्पग्रंथ के प्रमुख लेखक बौधायन, भारद्वाज, गौतम, वशिष्ठ आदि हैं।

प्रश्‍न 6. शास्त्र मनुष्यों को किन-किन गुणों का बोध कराता है? (2013A,2014A)
उत्तर: शास्त्र मनुष्य को उसके कर्तव्य और अकर्तव्य का बोध कराते हैं। यह सत्य व असत्य तथा उचित व अनुचित कर्मों की जानकारी देता है।

प्रश्‍न 7.वेदांग कितने हैं? सभी का नाम लिखें। (2013A, 2015C)
अथवा, वेद कितने हैं? सभी के नाम लिखें। (2014C)
अथवा, वेदांगों के नाम लिखें। (2018A)
उत्तर- छह वेदांग हैं- शिक्षा, व्याकरण, निरुक्त, कल्प, छंद और ज्योतिष।

प्रश्‍न 8. शास्वकाराः पाठ में किस विषय पर चर्चा की गई है?  (2013A)
उत्तर – शास्त्रकार : पाठ में शास्त्रों के माध्यम से सद्गुणों को धारण करने की प्रेरणा मिलती है। इससे हमें अच्छे संस्कार सीखने को मिलते हैं। प्रसिद्धि प्राप्त करने की शिक्षा भी मिलती है।

प्रश्‍न 9. शास्त्रकाराः’ पाठ के आधार पर संस्कृत की विशेषता अपने शब्दो में बताएँ। (2016A)
उत्तर- ‘शास्त्रकार’ ग्रंथ के अनुसार भारतीय ज्ञान-विज्ञान का वर्णन संस्कृत ग्रंथों में है। वेद, वेदांग, उपनिषद और दर्शनशास्त्र संस्कृत में ही लिखे गये हैं। इस प्रकार संस्कृत लोगों को कर्तव्यों और जिम्मेदारियों, मूल्यों, अनुशासन आदि के बारे में सिखाती है।

प्रश्‍न 10. ‘शास्वकारा:’ पाठ के आधार पर शास्त्र की परिभाषा अपने शब्दों में लिखें।  (2017A)
यह लोगों को स्थायी, अस्थायी या कृत्रिम, सांसारिक विषयों से लगाव या वैराग्य के बारे में जो शिक्षा देता है उसे शास्त्र कहा जाता है। यह मनुष्य को उसके कर्तव्यों तथा अकर्तव्यों का बोध कराता है। वह ज्ञान के स्वामी हैं।

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मुझे आशा है कि आपको Bihar Board Class 10 Sanskrit Chapter 14 शास्त्रकाराः कक्षा 10 संस्कृत (पीयूषम् भाग 2) के सभी पाठ स्पष्टीकरण पढ़ने में आनंद आया होगा। इसे पढ़ने के बाद आपको निश्चित रूप से अच्छे अंक मिलेंगे। इन सभी पाठों को आसान भाषा में बहुत अच्छे से तैयार किया गया है ताकि आप सभी को आसानी से समझ

Bihar Board Class 10 Sanskrit Notes solution in Hindi पीयूषम् भाग 2 संस्‍कृत

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My name is Najir Hussain, I am from West Champaran, a state of India and a district of Bihar, I am a digital marketer and coaching teacher. I have also done B.Com. I have been working in the field of digital marketing and Teaching since 2022

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