धरती कब तक घूमेगी – Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Varnika Chapter 5 Dharti Kab Tak Ghumegi

इस पोस्‍ट में हमलोग कक्षा 10 हिंदी Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Varnika Chapter 5 धरती कब तक घूमेगी – वर्णिका भाग 2 ,  Dharti Kab Tak Ghumegi Notes in hindi के सभी पाठों का व्‍याख्‍या प्रत्‍येक अध्याय के समाधान सहित जानेंगे। उनमें से ज्यादातर प्रश्‍न बोर्ड परीक्षा में पूछे जा चुके हैं।

हमारे विशेषज्ञों ने bihar board class 10 hindi solutions chapter 4 Dharti Kab Tak Ghumegi Notes – “पाठ 5 – धरती कब तक घूमेगी वर्णिका कहानी क्लास  के समाधान तैयार किया है। यह बहुत सरल समाधान है. निम्नलिखितसमाधान को पढ़ने के बाद, आप अपने परीक्षा में बेहतर कर सकते हैं। विज्ञान में आपको बेहतरीन अंक मिल सकते हैं। विज्ञान में उच्च अंक प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से इस ब्लॉग को पढ़े। – Varnika Hindi Book Class 10 Solutions Bihar Board

धरती कब तक घूमेगी लेखक परिचय

साँवर दइया राजस्थानी भाषा के एक प्रमुख कहानीकार हैं । उनकी कहानियों में राजस्थानी समाज गहरे अर्थबोध एवं विविध छटाओं के साथ उपस्थित हुआ है ।

प्रस्तुत कहानी ‘समकालीन भारतीय साहित्य’ (अप्रैल-जून 1983 ई०) से यहाँ साभार संकलित है । इस कहानी का राजस्थानी से हिंदी में अनुवाद कहानीकार ने स्वयं किया है।

धरती कब तक घूमेगी Class 10 Hindi Chapter 5 Dharti Kab Tak Ghumegi

प्रश्न 1. सीता अपने ही घर में क्यों घुटन महसूस करती है ?
उत्तर- सीता के पति के मरते ही घर की स्थिति दयनीय हो गई। भाइयों में आपसी भेद उत्पन्न हो गये। वे केवल अपनी पत्नी और संतान में ही सिमट गये हैं। माँ की देख-रेख एवं भरण-पोषण के लिए तीनों भाइयों ने एक-एक महीने का भांज बाँध लिया। सीता किसी भी बेटे के साथ रहती है तो अन्तर्मन से दुःखी ही रहती है। बहुओं की कड़वी बातें उसे चुभती रहती है। अपनी ही संतान से आज वह विक्षुप्त हो गई है। अपने मन की व्यथा किसी से वह कह नहीं सकती है। यहीं कारण है कि अपने ही घर में उसे घूटन महसूस होती है।

प्रश्न 2. पाली बदलने पर अपने घर दादी माँ के खाने को लेकर बच्चे खुश होते हैं जबकि उनके माता-पिता नाखुशा बच्चे की खुशी और माता-पिता की नाखुशी के कारणों पर विचार करें।
उत्तर-
विधवा सीता को उसके बेटों ने बाँट लिया है। तीनों बारी-बारी से एक-एक महीने सीता को खिलाते हैं, सीता उन दिनों उनके यहाँ काम-धाम भी कर देती है। बेटों ने भले अपनी माँ को बाँट लिया है, उससे लगाव नहीं रखते किन्तु सीता ने पोते-पोतियों को नहीं बाँटा है। वह सबको समान रूप से प्यार करती है।

इसलिए, बच्चे उससे हिले-मिले रहते हैं। खासकर इस बात से अधिक प्रसन्न होते हैं कि दादी अपनी थाली में उन्हें खिलाती है, उन्हें देखकर खुश होती और डाँट-डपट नहीं करती। दूसरी ओर उनके माता-पिता सीता की बारी उनके यहाँ आते ही नाखुश हो जाते हैं क्योंकि उनका खर्च बढ़ जाता है और उनके बच्चे अपनी दादी के लाड़-प्यार के आगे अपने माता-पिता की जल्दी नहीं सुनते।

प्रश्न 3. ‘इस समय उसकी आँखों के आगे न तो अंधेरा था और न ही उसे धरती और आकाश के बीच घुटन हुई।’ सप्रसंग व्याख्या करें।
उत्तर- प्रस्तुत पंक्तियाँ साँवर दइया द्वारा रचित ‘धरती कब तक घमेगी’ शीर्षक कहानी से संकलित है। प्रस्तुत संदर्भ उस समय का है जब सीता के बेटे अपनी जिम्मेवारी से मुक्त होकर पचास रुपये प्रतिमाह खर्च देने के लिए निर्णय लेते हैं। रोटी क्या नहीं कराती है अर्थात् सब कुछ कराती है। रोटी के लिए ही अपनी संतान अपने माता-पिता को यूँ ही जीवन-यापन करने के लिए छोड़ देते हैं।

उन्हें माता-पिता को रोटी नहीं केवल अपनी संतान के लिए चिन्ता रहती है। सीता अपने बेटों के फैसलों से संतुष्ट हो या न हो रात्रि में घर से निकल जाती है। अब वह किसी की उपेक्षा की शिकार नहीं होगी। स्वतंत्र जीवन जीयेगी। खुली हवा में वह साँस लेगी। उसकी आँखों के सामने में अँधेरा था और न ही घुटन। वस्तुतः यहाँ रचनाकार समाज में होनेवाले परिवर्तनों को विशेष रूप से चित्रित किया है। माता-पिता अपने ही संतान के बोझ बनते जा रहे हैं। संतान की ऐसी सोच निश्चय ही एक दिन समाज को नि:शेष कर लेगी।

प्रश्न 4. सीता का चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर- सीता जनक की पुत्री और राम की अर्धांगिनी तो नहीं है किन्तु तीन बेटों की एक ऐसी असहाय और विवश माँ है जो उनके लिए बोझ बन गई है। पति के मरने के बाद ही घर में अन्तर्कलह उत्पन्न हो जाता है। आपसी वैमनस्व की परतें जमने लगती है। सीता इन सभी चीजों को देखकर भी मौन रह जाती है। बेटे और बहुओं के दुत्कार उसके हृदय को चोटिल कर देता है फिर भी वह कोई प्रत्युत्तर नहीं देती है। पाली बाँधकर भरण-पोषण करनेवाले अपने बेटों से उसे कोई शिकायत नहीं है।

अन्दर ही अन्दर घूटती रहती है। पति के मरने बाद स्त्री तुच्छ और निराश्रयी हो जाती हो सीता के साथ यह उदाहरण सटीक बैठता है। धरती की तरह सबकुछ सहन करने वाली माँ अपनी संतान का कभी-बुरा नहीं चाहती है। सीता स्वाभिमानीनि है। स्वाभिमान की रक्षा करना वह भली-भाँति जानती है। खर्च देने के नाम पर रात्रि में घर से निकल जाती है। वह मेहनत मजदूरी का अपने जीवन का निर्वहण कर लेगी बेटों से वह खर्च नहीं लेगी।

प्रश्न 5. कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें।
उत्तर- शीर्षक किसी भी रचना की पृष्ठभूमि है। शीर्षक की सार्थकता उसके आकर्षण में है तथा रचना की पूर्ण व्याख्या में होती है। शीर्षक रचना के मूल भाव का संवहन करता है। राजस्थानी भाषा के प्रमुख कहानीकार साँवर दइया द्वारा रचित ‘धरती कब तक घूमेगी’ शीर्षक कहानी सामाजिक विडम्बनाओं को चित्रित करती है। धरती अपने किस पर निरन्तर घूमती रहती है आखिर कब तक? कभी-न-कभी तो यह अवश्य रूकेगी। माँ धरती की तरह अपनी संतान के बोझ को सहन कर लेती है किन्तु संतान अपनी माँ का बोझ ढोने में असमर्थ हो जाती है। इस कहानी की प्रधाननायिका सीता है।

पति के मरने के साथ ही, वह तुच्छ और निराश्रयी हो जाती है। उसके बेटे उसे बोझ समझने लगते हैं। अपनी पत्नी और बेटे-बेटी में ही मसगूल रहने वाले अपनी माँ को ही भूल जाते हैं। पाली बाँधकर उसके तीनों बेटे निश्चिन्त हो जाते हैं किन्तु इसमें भी वह बोझ लगती है। एक दिन तीनों बेटों ने मिलकर प्रतिमाह पचास रुपये देने का निर्णय लेते हैं। अपने बेटों के निर्णय से सीता प्रधान मन-ही-मन विक्षुब्ध हो जाती है।

उसे अब घुटन सहन नहीं हो पाता है। बेटों के इशारों पर वह कितने दिनों तक घूमेगी। अंततः एक दिन रात्रि में घर से निकल जाती है। अतः इन दृष्टान्तों से स्पष्ट होता है कि प्रस्तुत कहानी का शीर्षक सार्थक और सटीक है।

प्रश्न 6. कहानी का सारांश प्रस्तुत करें।
उत्तर- साँवर दइया राजस्थानी भाषा के सफल कहानीकार हैं। इनकी कहानियों में राजस्थानी समाज के गहरे अर्थबोध एवं विविध घटाओं का चित्रण मिलता है। ‘धरती कब तक घूमेगी’ इस कहानी में कहानीकार ने सामाजिक मूल्यों एवं उसकी संवेदनाओं को प्रकट किया है। एक माँ अपनी संतान के लिए सबकुछ अर्पण कर देती है किन्तु वही संतान उस माँ को बोझ समझने लगती है। माँ धरती की तरह सर्वसहमा है। धरती पर तरह-तरह के जुल्म ढाये जाते हैं फिर भी वह बदला नहीं लेती है।

बेटे-बहुओं के द्वारा उपेक्षित होने पर भी माँ उनकी शिकायत नहीं करती है। अंतर्मन में सारी आशाओं को दफना देती है। इस कहानी की प्रधाननायिका सीता अपने पति के मरने के बाद आशान्वित होती है कि उसको तीन बेटे हैं। कोई-न-कोई उसके जीवनरूपी नौका को पार कर देगा। किन्तु विधि के विधान को कौन टाल सकता है।

माँ उनके लिए बोझा बन जाती है। पाली बाँधकर उसका भरण-पोषण करते हैं। एक दिन ऐसा भी समय आ जाता है कि ये नियम भी भंग हो जाते हैं। अब वे पचास-पचास रुपये प्रतिमास खर्च में देंगे। पहले से घुटन भरे जीवन जीने वाली सीता अपने बेटों के निर्णय से विक्षुब्ध हो जाती है। अपना ही उसे पराया लगने लगता है। तुच्छ और निराश्रयी सीता एक दिन रात्रि में चुपके से घर से निकल जाती है। वह मेहनत-मजदूरी कर अपने जीवन का निर्वहण कर लेनी किन्तु अपने बेटों पर बोझ नहीं बनेगी।

वस्तुतः कहानीकार यहाँ बताना चाहता है कि उन बेटों को भी अपनी संतानें हैं किन्तु शायद वे नहीं जानते हैं कि उनकी भी यही गति होनेवाली है जो वे अपनी माँ को कर रहे हैं। आज का समाज इसी विडम्बनाओं के साथ जीने के लिए विवश है।

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प्रश्न 1. ‘धरती कब तक घूमेगी’ के कहानीकार हैं
(क) सातकोड़ी होता.
(ख) ईश्वर पेटलीकर
(ग) श्री निवास
(घ) साँवर दइया
उत्तर- (घ) साँवर दइया

प्रश्न 2. “धरती कब तक घूमेगी” कहानी है
(क) धार्मिक
(ख) मनोवैज्ञानिक
(ग) सामाजिक
(घ) ऐतिहासिक
उत्तर- (ग) सामाजिक

प्रश्न 3. “धरती कब तक घूमेगी” की नायिका है
(क) मंगम्मा
(ख) पाप्पाति
(ग) सीता
(घ) वल्लि अम्माल
उत्तर- (ग) सीता

प्रश्न 4. साँवर दइया की कहानी “धरती कब तक घूमेगी” का विषय है
(क) उड़िया समाज
(ख) राजस्थानी समाज
(ग) तमिल समाज
(घ) गुजराती समाज
उत्तर- (ख) राजस्थानी समाज

प्रश्न 5. सवाल तो ……….. का ही है।
(क) रोटी
(ख) मकान
(ग) कपड़ा
(घ) दूकान
उत्तर- (क) रोटी

II. रिक्त स्थानों की

प्रश्न 1. सांवर दइया ……….के कथाकार हैं।
उत्तर- धरती कब तक घूमेगी’

प्रश्न 2. ‘धरती कब तक घूमेगी, एक ………..कहानी है।
उत्तर- सामाजिक

प्रश्न 3. सीता जमीन …………लगी।
उत्तर- खुरचनं

प्रश्न 4. ………….. तो सब-कुछ बता देती हैं।
उत्तर- आँखें

प्रश्न 5. अब …………….तो सीता के हाथ में नहीं था।
उत्तर- मरना

प्रश्न 6. मौन के तीक्ष्ण कीलों का ………..उग आया।
उत्तर- खेत

प्रश्न 7. सवाल तो ………….. का ही है।
उत्तर-रोटी

प्रश्न 8. आज सीता के चारों ओर खुली ……….. थी।
उत्तर- हवा

अतिलघु उत्तरीय प्रश्व

प्रश्न 1. ‘धरती कब तक घूमेगी’ कहानी की नायिका कौन है ?
उत्तर- ‘धरती कब तक घूमेगी’ कहानी की नायिका तीन बेटों वाली सीता है।

प्रश्न 2. सांवर दइया की कहानियों की विशेषता क्या-क्या है ?
उत्तर- साँवर दइया की कहानियों की विशेषता है राजस्थानी समाज का यथा तथ्य वर्णन।

प्रश्न 3. ‘धरती कब तक घूमेगी’ कहानी के रचयिता कौन हैं?
उत्तर- ‘धरती कब तक घूमेगी’ कहानी के रचयिता साँवर दइया हैं।

प्रश्न 4. ‘धरती कब तक घूमेगी’ कहानी का उद्देश्य क्या है?
उत्तर- प्रस्तुत कहानी का उद्देश्य है पुराने पारिवारिक मूल्यों का आज के युग में हो रहे क्षरण का चित्रण।

प्रश्न 5. सीता के प्रति उसके बेटों और बहुओं का व्यवहार कैसा था?
उत्तर- सीता के प्रति उसके बेटों और बहुओं का व्यवहार अत्यन्त उपेक्षापूर्ण था।

प्रश्न 6. सीता की आँखों के आगे अंधेरा कब छा गया?
उत्तर- बेटों ने जब तय किया कि वे तीनों हर माह पचास-पचास रुपये देंगे और माँ अपनी रोटी आप बनाएगी तो सीता की आँखों के आगे अंधेरा छा गया।

About the author

My name is Najir Hussain, I am from West Champaran, a state of India and a district of Bihar, I am a digital marketer and coaching teacher. I have also done B.Com. I have been working in the field of digital marketing and Teaching since 2022

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