सूक्ष्मजीवों का संसार – Bihar Board Class 8 Science Solution Chapter 7 के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी हासिल करेंगे और BSEB Class 8 Science Chapter 7 से संबंधित जितना भी प्रश्न व आंसर बनेंगे सभी का सॉल्यूशन दिया जाएगा |
अगर आप आठवीं का छात्र हैं तो इस नोटिस को पढ़कर अपना Score बढ़ा सकते हैं नीचे दिए गए सभी प्रश्न उत्तर पाठ्यक्रम का अनुसार है
Bihar Board Class 8 Science Solution Chapter 7 – सूक्ष्मजीवों का संसार
-:- अभ्यास -:-
1. सही विकल्प के आगे (✓) का निशान लगाइए।
(क) सूक्ष्मजीव जो परपोषी में गुणन करता है
(i) जीवाणु
(ii) कवक
(iii) प्रोटोजोआ
(iv) विषाणु
उत्तर- (iv) विषाणु
(ख) दूध को दही में बदलने वाला सूक्ष्मजीव है
(i) प्लैज्मोडियम
(ii) यीस्ट
(iii) शैवाल
(iv) लैक्टोबैसिलस
उत्तर- (iv) लैक्टोबैसिलस
(ग) मलेरिया रोग का कारण है.
(i) प्रोटोजोआ
(ii) विषाणु
(iii) जीवाणु
(iv) कवक
उत्तर- (i) प्रोटोजोआ
(घ) चीनी को एल्कोहल में परिवर्तित करनेवाला प्रक्रम है
(i) संदूषण
(ii) किण्वन
(iii) परिरक्षण
(iv) संक्रमण
उत्तर- (ii) किण्वन
(ङ) पावरोटी या इडली के फूलने का कारण है
(i) नमी
(ii) ऊष्णता
(iii) यीस्ट
(iv) जल
उत्तर- (i) नमी
2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- विशेष यंत्र …सूक्ष्मदर्शी. का उपयोग सूक्ष्मजीवों को देखने के लिए किया जाता है।
- दलहनी पौधों की जड़ों में …राइजोबियम.. जीवाणु रहता है।……….
- पोलियो …विषाणु.. के कारण होता है। ।
- मलेरिया परजीवी का वाहक …मादा एनोफिलीज.. मच्छर है।
- सिरका का उत्पादन …यीस्ट. नामक सूक्ष्मजीव की सहायता से किया जाता है।
3. निम्न. पर (✓) या (×) का निशान लगाइए।
उत्तर-
- सूक्ष्मजीव केवल मिट्टी में मिलते हैं। – (×)
- सूक्ष्मजीवों को हम नंगी आँखों से देख सकते हैं। – (×)
- डेंगू मादा मच्छर एडिस के काटने से होता है। – (✓)
- मादा एनोफिलिस मच्छर मलेरिया परजीवी का वाहक है। – (✓)
- यीस्ट एक शैवाल है। – (×)
- चेचक के टीके की खोज एडवर्ड जेनर ने की थी। – (✓)
- वायुमंडलीय नाइट्रोजन के स्थिरीकरण से मिट्टी की उर्वरता घटती है। – (×)
- टायफाइड विषाणु से होनेवाला रोग है। – (×)
4. मिलान कीजिए
कॉलम-1 | कॉलम-II |
---|---|
(i) राइजोबिय | (i) दही का जमना |
(ii) प्लैजमोडियम | (ii) जन्तु रोग |
(iii) लैक्टोबैसिलस | (iii) नाइट्रोजन स्थिरीकरण |
(iv) किण्वन | (iv) मलेरिया |
(v) एंथेक्स | (v) सिरका निर्माण |
उत्तर –
कॉलम-1 | कॉलम-II |
---|---|
(i) राइजोबिय | (iii) नाइट्रोजन स्थिरीकरण |
(ii) प्लैजमोडियम | (iv) मलेरिया |
(iii) लैक्टोबैसिलस | (i) दही का जमना |
(iv) किण्वन | (v) सिरका निर्माण |
(v) एंथेक्स | (ii) जन्तु रोग |
प्रश्न 5. सूक्ष्मजीवों को देखने के लिए विशेष यंत्र सूक्ष्मदर्शी की जरूरत होती है। क्यों?
उत्तर- हम, आप अपनी नंगी आँखों से, अधिक से अधिक मिली मीटर के दसवें भाग के बराबर तक की वस्तुओं को देख सकते हैं। जबकि सूक्ष्मजीव मिलीमीटर के हजारवें, लाखवें भाग या उससे भी छोटे होते हैं।
अतः इन ‘सक्ष्मजीवों को देखने के लिए एक विशेष प्रकार के यंत्र की जरूरत होती है। जिसे सूक्ष्मदर्शी कहते हैं। सूक्ष्मदर्शी ऐसा यंत्र है जिसकी सहायता से हम सूक्ष्मजीव या वस्तु को उसके वास्तविक आकार से कई गुना बढ़ाकर देख सकते हैं।
प्रश्न 6. सूक्ष्मजीव हमारे मित्र हैं कैसे?
उत्तर- सूक्ष्मजीव हमारे मित्र ही नहीं अति उपयोगी मित्र है। यह हमारे दैनिक जीवन में, घरेलू से लेकर औद्योगिक उत्पादन प्रक्रियाओं में सूक्ष्मजीवों का महत्वपूर्ण स्थान है। औषधि निर्माण, रोग प्रतिरोधक टीका कषि, मिटटी की उर्वरता बढाने, पर्यावरण की साफ-सफाई आदि में सक्ष्मजीवों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस प्रकार सूक्ष्मजीव हमारे जिन्दगी में अति महत्वपूर्ण एवं उपयोगी सहयोगी के रूप में कार्य करता है। इसलिए सूक्ष्मजीव हमारे, आपके तथा मानव जाति के मित्र हैं।
प्रश्न 7. यीस्ट और चीनी के साथ मैदे को गूंथकर कुछ देर छोड़ देने के बाद, मैदे का आयतन क्यों बढ़ जाता है ?
उत्तर- यीस्ट कवक वर्ग का सूक्ष्मजीव है। जब हम चीनी तथा मैदा के साथ यीस्ट को गूंथते हैं तो अनुकूल परिस्थिति पाकर वह तेजी से गुणन (जनन) करने लगता है। साथ ही उसके श्वसन के कारण काफी मात्रा में CO2 निकलता है। इसके कारण मैदा में खमीर बनता है और उसका आयतनबढ़ जाता है।
प्रश्न 8. सूक्ष्मजीवों द्वारा होनेवाली हानियों का विवरण दीजिए।
उत्तर- कुछ सूक्ष्मजीव हमारे मित्र हैं यानि हमारे लिए लाभदायक हैं तो कुछ सूक्ष्मजीव ऐसे हैं जो हमें प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से हानि पहुंचाते हैं। ये मनुष्य, जीव-जन्तुओं, पेड़-पौधों आदि के अनेक रोगों के कारण हैं। ये हमारे भोजन, पानी तथा अन्य उपयोगी वस्तओं को दषित कर देते हैं।
रोगकारक सूक्ष्मजीव हमारे श्वास, भोजन.. पानी आदि के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं तथा रोग उत्पन्न करते हैं। जल, वायु, भोजन, वस्त्र या शारीरिक संपर्क के फलस्वरूप एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे स्वस्थ व्यक्ति तक सूक्ष्मजीवों के फैलाव के कारण होने वाले रोगों को संचरणीय रोग कहते मानव में सूक्ष्मजीव जनित रोग-क्षय रोग, खसरा, पोलियो हैजा. टाइफाइड, मलेरिया, चिकन पॉक्स इत्यादि ।
पौधों में सूक्ष्मजीव जनित रोग – गेहूँ का रस्ट, नींबू का कैंसर, भिंडी का पीत रोग इत्यादि। जानवरों में सूक्ष्मजीव जनित रोग-एंथ्रेक्स, खुर तथा मुंहपका रोग । इत्यादि ।
प्रश्न 9. नाइट्रोजन चक्र कैसे संचालित होता है ?
उत्तर- नाइट्रोजन चक्र में सूक्ष्मजीवों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। मिट्टी तथा दलहनी पौधों की जड़ की ग्रंथियों में रहने वाले जीवाणु तथा नीले-हरे शैवाल, वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करके नाइट्रोजन के यौगिकों में बदल देते हैं। इन उपयोगी नाइट्रोजन यौगिकों का उपयोग पौधे मिट्टी से जड़तंत्र द्वारा करते हैं। पौधे इन यौगिकों का उपयोग प्रोटीन तथा अन्य उपयोगी यौगिकों में से संश्लेषण में करते हैं। पौधों द्वारा संश्लेषित प्रोटीन तथा अन्य नाइट्रोजन यौगिकों का उपयोग वे जंतु करते हैं, जो पौधों पर ही निर्भर करते हैं।
प्रश्न 10. पॉश्चरीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- पॉचरीकरण एक प्रक्रिया है जिसकी खोज लुई पॉश्चर ने किया था। उन्हीं के नाम पर इस प्रक्रिया को पॉश्चरीकरण कहते हैं। इस प्रक्रिया में दूध को 70° C पर 15-30 सेकेण्ड के लिए गर्म किया जाता है। इसके अलावे भी दूध
को अनेक स्तरों से गुजारा जाता है ताकि दूध सूक्ष्मजीवों से मुक्त हो जाए। पॉश्चरीकरण एक प्रक्रिया है जिसमें दूध को सूक्ष्मजीवों से मुक्त कराकर सुरक्षित कर दिया जाता है। फिर उस थैलियों में बंद कर आम लोगों के लिए बाजार में उपलब्ध करा दिया जाता है।
कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. विषाणु (वायरस) क्या हैं?
उत्तर- विषाणु (वायरस) भी सूक्ष्मजीव ही होते है जो अन्य सूक्ष्मजीवों से मिल है। ये केवल परपोषी में ही गुणन करते है। कुछ सामान्य रोग जैसे जुकाम, इन्गला (फ्लू) एवं अधिकतर खाँसी विषाणु द्वारा ही होते है। पोलियो एवं खसरा जैसे विशेष रोग भी विषाणु (वायरस) द्वारा होते हैं।
प्रश्न 2. जीवाणु क्या हैं?
उत्तर- जीवाणु भी सूक्ष्मजीव ही होते हैं जो पौधे अथवा जंतु कोशिका में गुणन करते है। टायफाइड एवं क्षयरोग (TB) जीवाणु द्वारा होनेवाले रोग हैं।
प्रश्न 3. प्रतिजैविक क्या हैं? प्रतिजैविक लेते समय कौन-सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर– वैसे सूक्ष्मजीवों से युक्त इंजेक्शन या दवाइयाँ, जो रोग पैदा करनेवाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देती हैं अथवा उनकी वृद्धि को रोक देती है, प्रतिजैविक कहलाती है। जैसे-स्ट्रेप्टोमाइसिन, टेट्रासायकलिन, एरिथ्रोमारेलिन आदि।
प्रतिजैविक दवाइयाँ बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं लेनी चाहिए। इनका कोर्स होता है, जिसे पूरा करने पर ही ये हमारे लिए वे लाभदायक होते हैं। अगर हम इनका कोर्स पूरा नहीं करते तो अगले बार ये दवाइयाँ हमारे लिए असरकारक नहीं रह जातीं। .
प्रश्न 4. चेचक के टीके की खोज किसने और कब की थी?
उत्तर– चेचक के टीके की खोज एडवर्ड जेनर ने 1798 में की थी।
प्रश्न 5. ‘एंथेक्स’ क्या है ?
उत्तर– ‘एंथ्रेक्स’ मनुष्य एवं मवेशियों में होनेवाला भयानक रोग है जो जीवाणु द्वारा होता है। रॉबर्ट कोच ने 1876 में बैसीलस एथेसिस नामक जीवाणु की खोज की जो एंथ्रेक्स रोग का कारक है।
प्रश्न 6. क्या भोजन का संदूषण एक रासायनिक अभिक्रिया है?
उत्तर– हाँ, भोजन का संदूषण एक रासायनिक अभिक्रिया है। क्योंकि संदूषित भोजन बिल्कुल ही अलग प्रकार का हो जाता है। स्वाद में भी और देखने में भी।
प्रश्न 7. परिरक्षक क्या हैं?
उत्तर- सूक्ष्मजीवों की वृद्धि रोकने के लिए नमक एवं खाद्य तेलों आदि का उपयोग किया जाता है जिन्हें हम परिरक्षक कहते हैं।
प्रश्न 8. पेनिसिलिन की खोज किसने और कब की?
उत्तर–पेनिसिलिन की खोज एलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने 1929 में की।