Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 – मछली – गोधूलि भाग 2

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Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 – मछली – गोधूलि भाग 2

लेखक परिचय
लेखक का नाम- विनोद कुमार शुक्ल
जन्म- 1 जनवरी 1937 ई0 (83 वर्ष),
राजनांदगाँव, छत्तीसगढ़

इन्होंने शिक्षा समाप्ति के बाद पेशा के रूप में प्राध्यापन को अपनाया। ये इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर थे। इन्हें 1990 ई० में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

रचनाएँ- जयहिंद, वह आदमी नया कोट पहनकर चला गया विचार की तरह, नौकर की कमीज, खिलेगा तो देखेंगे, दीवार में एक खिड़की रहती थी, पेड़ पर कमरा, महाविद्यालय आदि।

पाठ परिचय- प्रस्तुत पाठ ’मछली’ कहानी संकलन ’महाविद्यालय’ से ली गई है। इस कहानी में एक छोटे शहर के निम्न मध्यमवर्गीय परिवार के भीतर के वातावरण, जीवन यर्थाथ तथा संबंधों को आलोकित करती हुई लिंग-भेद को भी स्पर्श करती है।

मछली पाठ का सारांश

प्रस्तुत पाठ ’मछली’ संवेदना पूर्ण कहानी है। इसमें मछली के माध्यम से लोगों के मनोभाव को व्यक्त किया गया है।

बच्चे अपने पिता के साथ मछली खरीदने बाजार जाते हैं। तीन मछलीयाँ खरीदी जाती है, जिनमें एक खरीदने के वक्त ही मर गई थी। बच्चे झोले में मछलीयों को रखकर गली से होकर घर वापस लौटते हैं। बूंदे पड़ने के कारण बाजार में भीड़ घट रही थी। बच्चे भी इसलिए दौड़ रहे थे कि मछलीयाँ बिना पानी के झोले में ही न मर जाएँ। झोले में रखी तीन मछलीयों में से दो जीवित थी, उनकी तड़प के झटके बच्चे महसुस कर रहे थे।
अचानक जोरों से वर्षा होने लगी। बच्चे झोले के मुँह इसलिए फैला दिए कि मछलीयों में थोड़ा जान आ जाए, क्योंकि उनकी इच्छा थी की उनमें से एक मछली कुएँ मे पाली जाए और उसके साथ खेली जाए।
 

वर्षा में दोनों भाई भींगने से थर्र-थर कांपने लगे। स्नानघर का दरवाजा बंद करके तीनों मछलीयों को बाल्टी में डाल दिया। संतू ठंड से कांप रहा था। माँ की मार के भय से दोनों भाई कमीज एवं पेंट निचोड़कर बाल्टी के पास बैठ गये। संतु बड़े प्यार से मछली की ओर देख रहा था।
बड़े भाई ने कहा इसमें से जीवित एक मछली पिताजी से मांग लेंगे। संतू मछली को छूना चाहता था, किंतु काटने के डर से नहीं छूता था। तभी लेखक ने उसे छूने को कहा। उसने सहमते हुए एक मछली को छूआ, लेकिन डर कर अपना हाथ खींच लिया।
लेखक ने बाल्टी से मछली निकाली और पुनः बाल्टी में डाल दी। इस क्रम में मछली उछली तो पानी के छींटे उन पर पड़े। संतु चौककर पीछे हट गया।

लेखक मछली की आँखों में अपना छाया देखना चाहता था क्योंकि दीदी का कहना था कि मरी हुई मछली की आँखों में झाँकने से अपनी परछाई नहीं दिखती। इसलिए पहले संतु का झाँकने को कहा, किंतु उससे कोई जवाब नहीं मिला तो लेखक मछली को अपने चेहरे के समीप लाकर देखा तो उसे उसकी आँख में धुंधली-सी परछाई दिखी, लेकिन ये परछाई थी कि मछली के आँखों का रंग था, यह समझ नहीं पाया। इसके बाद दीदी को बुलाने को कहा, लेकिन दीदी के सोने की बात सुनकर वह आश्चर्य में पड़ गया। माँ को मसाला पीसते हुए देखकर दुःखी हो गया कि मछली आज ही कट जाएगी। संतु भी उदास हो गया।

वर्षा बंद हो गई तब लेखक ने आँगन में जहाँ मछली काटी जाती थी, वहाँ धुला हुआ लकड़ी का तख्ता देखा। पास में थोड़ी चूल्हे की राख थी। स्नानघर का दरवाजा खुला हुआ था। माँ को मछली बनाना अच्छा नहीं लगता था। घर में पिताजी ही केवल मछली खाते थे। भग्गु ही मछली काटता तथा बनाता था। स्नानघर से भग्गु का मछली लाते देखकर लेखक के मन में उदासी छा गई, क्योंकि कुएँ में मछली पालने का उत्साह बुझ-सा रहा था। दीदी ने हम दोनों भाईयों को कपड़े पहनाए, बाल संवारे।

लेखक ने दीदी से कहा- ’दीदी ! आज मछली आई है। तीन हैं। एक शायद मर गयी है। उन्हें अभी भग्गु काटेगा। पहले दीदी चुप रही, फिर कमरे का दरवाजा बन्द करने की बात कहकर सो गई। भग्गु ने मछली के पूरे शरीर में राख मलकर फिर उसकी गर्दन काट डाली। तभी संतु एक मछली लेकर सरपट बाहर भागा।

भग्गु भी संतु से मछली छीनने दौड़ पड़ा। संतु दोनों हाथों से मछली को अपने पेट में छिपाए हुए था और भग्गु उससे मछली छीनने की कोशिश कर रहा था। उसे डर का था कि संतु कहीं मछली कुएँ में न डाल दें। वह पिताजी के डाँट के भय से परेशान था।

एक तरफ घर के अंदर पिताजी जोर-जोर से चिल्ला रहे थे, दूसरी ओर दीदी की सिसकियाँ बढ़ गई थी। पिताजी दहाड़कर कह रहे थे- ’भग्गु! अगर नहान घर में घुसे तो साले के हाथ-पैर तोड़कर बाहर फेंक देना। बाद में जो होगा मैं भुगत लूँगा।

भग्गु चुपचाप सिर हिलाकर चला गया। संतु डर से सहमा हुआ था और उसके कपड़े कीचड़ से गंदे हो गये थे। स्नानघर में ही नहीं, पूरे घर में मछलीयों जैसी गंध आ रही थी।

पाठ के साथ – Questions and Answer

प्रश्न 1. झोले में मछलियाँ लेकर बच्चे दौड़ते हुए पतली गली में क्यों घुस गए ?
उत्तर- दौड़ते हुए बच्चे पतली गली में इसलिए घुस गये कि इस गली से घर नजदीक पड़ता था।

प्रश्न 2. मछलियों को लेकर बच्चों की अभिलाषा क्या थी?
उत्तर- मछलियों को लेकर बच्चों की अभिलाषा थी कि एक मछली पिता जी से मांग कर कुँए में डालकर बहुत बड़ी करेंगे। जब मन होगा बाल्टी से निकालकर खेलेंगे। बाद में फिर कुँए में डाल देंगे।

प्रश्न 3. मछलियाँ लिए घर आने के बाद बच्चों ने क्या किया?
उत्तर- घर आने के बाद बच्चों ने नहानघर में प्रवेश किया। भरी हुई बाल्टी को आधा खाली कर झोले को तीनों मछलियाँ उड़ेल दी।

प्रश्न 4. मछली को छूते हुए संतू क्यों हिचक रहा था?
उत्तर- संतू को मछली छूते हुए डर लग रहा था। मछली छूने से कहीं काट न ले।

प्रश्न 5. मछली के बारे में दीदी ने क्या जानकारी दी थी? बच्चों ने उसकी परख कैसे की?
उत्तर- मछली के बारे में दीदी ने जानकारी दी थी कि मरी हुई मछली की आँख में अपनी परछाईं नहीं दिखती है। बच्चों ने उसकी परख एक मृत मछली की आँख में अपनी परछाईं देखकर की।

प्रश्न 6. संतू क्यों उदास हो गया ?
उत्तर- संतू यह जानकर उदास हो गया था कि मछली कुछ देर बाद कट जायेगी। वह मछली को जीवित पालना चाहता था। मछली की बिछुड़ते हुए जानकर वह दुःखी हो गया।

प्रश्न 7. घर में मछली कौन खाता था और वह कैसे बनायी जाती थी?
उत्तर- घर में मछली केवल पिताजी खाते थे। मछली को उस घर का नौकर काटता था। उसे काटने के लिए अलग पाटा था। पहले मछली को पत्थर पर पटककर मार दिया जाता था, फिर राख से मलने के बाद पाटा पर रखकर चाकू से काटा जाता था। मछली बनाने का कार्य नहानघर .. में होता था।

प्रश्न 8. दीदी कहाँ थी और क्या कर रही थी?
उत्तर- दीदी कमरे में थी और सो रही थी।

प्रश्न 9. अरे-अरे कहता हुआ भग्गू किसके पीछे भागा और क्यों ?
उत्तर- अरे अरे कहता हुआ भग्गू संतू के पीछे भागा क्योंकि संतू एक मछली को लेकर भाग रहा था। भागू को डर था कि संतू मछली को कुओं में डाल देगा जिसके चलते उसे डाँट पड़ेगी। संतू से मछली लेने के लिए वह उसके पीछे भागा।

प्रश्न 10. मछली और दीदी में क्या समानता दिखाई पड़ी? स्पष्ट करें।
उत्तर- आदमी के चंगुल में आकर मछली कटने को विवश थी। पानी के अभाव में अंगोछा में लिपटी मछली लहरा रही थी। दीदी कमरा में करवट लिए, पहनी हुई साड़ी को सर तक ओढे, सिसक-सिसक कर रो रही थी। हिचकी लेते ही दीदी का पूरा शरीर सिहर उठता था। दीदी का सिहरना एवं मछली का लहराना दोनों में समानता दिखलाई पड़ी।

प्रश्न 11. पिताजी किससे नाराज थे और क्यों ?
उत्तर- पिताजी नरेन से नाराज थे। क्योंकि बच्चों ने मछलियों के चलते स्वयं परेशान रहे। साथ ही भग्गू को भी परेशान किया। बच्चे मछली को पालना चाहते थे, कोमल बालमन मछली को कटते देख विह्वल हो उठा और बच्चा एक मछली को लेकर भाग गया। पीछे-पीछे भग्गू को भागना पड़ा। छीना-झपटी की स्थिति आई। पिताजी इन हरकतों के कारण नाराज हुए।

प्रश्न 12. सप्रसंग व्याख्या करें
(क)बरसते पानी में खड़े होकर झोले का मुँह आकाश की तरफ फैलाकर मैंने खोल दिया ताकि आकाश।

व्याख्या-
Bihar Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10

(ख) अगर बाल्टी भरी होती तो मछली उछलकर नीचे आ जाती।

व्याख्या-
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के ‘मछली’ शीर्षक कहानी से ली गयी हैं। इस वाक्य का संदर्भ उस समय से है जब बच्चे मछली लेकर घर आते हैं। नहानघर में पानी से भरी बाल्टी से आधा पानी को गिराकर उसमें तीन मछलियों को उड़ेल देते हैं। लेखक को लगा कि अगर भरी बाल्टी में मछलियों को रखा जाता तो वे उछलकर बाल्टी से निकल जाती और फर्श पर आ जाती।

बच्चों का बालसुलभ मन मछलियों को खाना नहीं चाहता था। एक बार एक छोटी मछली उनके हाथ से छूटकर नहानघर की नाली में घुस गयी थी जिसे दोनों भाइयों ने काफी ढूँढा, लेकिन वह मछली नहीं मिली। दीदी ने कहा था कि घर की नाली शहर की नाली से तीन मील दूर मोहरा नदी में मिली है जिससे छोटी मछली नदी में बहकर चली गयी होगी। इसी आशंका से बच्चों ने आधी पानी भरी बाल्टी में मछलियों को रखा था ताकि वे मछलियों उछलकर बाहर आकर कहीं नाली-नाली होते हुए नदी में न चली जाएँ। मछली के खोने का भय आज भी बच्चों के दिमाग में बना हुआ है। अतः, आज वे सतर्क थे और तीनों मछलियों को बाल्टी में रखकर सुरक्षा कर रहे थे।

(ग) और पास से देख। परछाई दिखती है?
व्याख्या-
प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक के ‘मछली’ कहानी से ली गयी हैं। इसका संदर्भ दीदी द्वारा कही गयी बातों से जुड़ा हुआ है। दीदी अपने भाइयों से कहती थी कि जो मछली मर जाती है उसकी आँखों में झाँकने से आदमी की परछाईं नहीं दिखती हैं।

लेखक ने जब बाल्टी से मछली को निकालकर फर्श पर रखा और पूंछ पकड़कर दो-तीन बार हिलाया तो मछली में थोड़ी-सी भी हरकत नहीं हुई। इस पर लेखक ने संतू से कहा कि तू इसकी आँख में झाँककर देख तेरी परछाई इसमें दिखती है कि नहीं। संतू थोड़ी दूरी पर बैठा था। बड़े भाई की बात सुनकर वह मछली के पास आया और उत्सुकतावश मछली को देखने लगा। इस पर लेखक ने संतू से कहा है कि-और पास से देखा परछाई दिखती है क्या ? लेखक ने समझाते हुए दीदी की बातों को संतू से दुहरा दिया। संतू दूर से ही सिर झुकाए मछली की आँखों में झाँकता हुआ चुपचाप था। वह कुछ बोलता ही नहीं था कि परछाई दिखती है कि नहीं।

इस प्रकार उपर्युक्त पंक्तियों का संदर्भ और व्याख्या संतू, मछली और लेखक के बीच का है। मछली के जिन्दा होने के लिए लेखक ने संतू से उपर्युक्त वाक्य को कहा था ताकि दीदी ने जो बातें मछली के बारे में बताया था, वह सच था कि नहीं। वह इसकी परीक्षा ले रहा था। संतू चुपचाप मछली की आँखों में अपनी परछाईं देखने का प्रयत्न कर रहा था और निरूत्तर था।

(घ) नहानघर की नाली क्षणभर के लिए पूरी भर गई, फिर बिल्कुल खाली हो गयी।
व्याख्या-

प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक की कहानी ‘मछली’ से ली गयी हैं। इन पंक्तियों का संदर्भ नहानघर से है जहाँ लेखक मछलियों को देखने के लिए गया है। नहानघर में पहुंचने पर लेखक ने महसूस किया कि पूरा नहानघर मछलियों की गंध से भरा हुआ है। वहाँ भग्गू द्वारा गोल-गोल काटी गयी मछलियों के टुकड़े पड़े हुए थे। उसे लेखक ने हाथों से बाल्टी में धोया और पानी भरी बाल्टी को उड़ेल दिया। इससे नहानघर की नाली क्षणभर में पूरी भर गयी और तुरंत पानी के बह जाने पर खाली भी हो गयी। पूरे घर में मछलियों की गंध आ रही थी। जिसे लेखक ने महसूस किया। नहानघर में ही भग्गू मछलियों को धोकर, काटकर साफ-सुथरा कर रहा था ताकि उसे पकाया जा सके।

इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक कहना चाहता है कि नहानघर ही नहीं पूरा घर मछली की गंध से पट गया था। कारण मछली के कारण पूरे घर में हंगामा हो गया था। दीदी से लेकर . पिताजी और संतू सभी मछली वाली घटना में शरीक थे।

प्रश्न 13. संतू के विरोध का क्या अभिप्राय है?
उत्तर- संतू मानवीय गुणों को उजागर करता है। मानव में सेवा, परमार्थ, ममता जैसे गुण विद्यमान होते हैं। परन्तु आज मानव अपने आदर्श को भूलकर, इन गुणों को त्यागकर, स्वार्थ में अंधा होकर विवश और लाचार की मदद में नहीं बल्कि शोषण में लिप्त है। मूक मछलियों को निर्ममतापूर्वक काटते देख संतू उसकी रक्षा को आतुर हो उठता है और उसे बचाने हेतु झपट कर भग्गू के सामने से मछली को लेकर भाग जाता है। इस विरोध का मतलब है कि आज निःस्वार्थ भाव से बेबस, लाचार, शोषित, पीड़ित जनों की रक्षा, उत्थान एवं कल्याण के लिए अग्रसर होना परमावश्यक है। ममत्व में धैर्य टूट जाता है। सभी प्राणी में अपनी परछाईं देखनी चाहिए।

प्रश्न 14. दीदी का चरित्र चित्रण करें।
उत्तर- प्रस्तुत कहानी में मध्यम वर्गीय परिवार की यथार्थ झलक है। दीदी घर, के चहारदीवारी के बीच कठपुतली बनकर रहने वाली एक बाला है। लिंग-भेद परिवार में निहित है। पिता की ओर से स्वतंत्रता नहीं है जिसके चलते घर में ही रहकर समय व्यतीत करती है। वह ममता की मूर्ति है। अपने भाइयों के प्रति अटूट श्रद्धा रखती है। उन्हें प्रत्येक जीवों में अपनी परछाईं देखने की शिक्षा देती है। मछली को विवश होकर कट-जाना उसके लिए पीड़ादायक है। वह समाज की रूढ़िवादिता के बीच मूक रहकर लाचार, बेबस एवं निर्ममतापूर्वक प्रहार को सहन करने वाले की आत्मा की पुकार को अनुभव करके सिसकियाँ एवं आह भर कर रह जाने वाली कन्या है।

प्रश्न 15. कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें।
उत्तर- ‘मछली’ शीर्षक कहानी में एक किशोर की स्मृतियाँ, दृष्टिकोण और समस्याएँ हैं। मछलियों के माध्यम से, मूक रहकर प्राणांत को स्वीकार लेना ही लाचार, शोषित, पीड़ित जनों की नियति है, बताया गया है। जीवन क्षणभंगुर है। कल्पनाएँ क्षणिक हैं एवं स्वप्न कभी भी बिखर सकते हैं। बाल सुलभ मनोभाव मछलियों के इर्द-गिर्द घूमते हैं। पूरी कहानी मछली पर ही आधारित है। मछली की दशा का जीवन्त चित्रण है। अंतत: दीदी की तुलना भी बालक मछली से करता है। इस कहानी का ‘मछली’ शीर्षक पूर्णरूपेण सार्थक कहा जा सकता है।

प्रश्न 16. कहानी का सारांश प्रस्तुत करें।
उत्तर- उत्तर के लिए सारांश देखें।

भाषा की बात

प्रश्न 1. निम्नांकित विशेष्य पदों में उपयुक्त विशेषण या क्रियाविशेषण लगाएँ
उत्तर-
गली – पतली गली
मछली – तीन मछलियाँ, कोई मछली।
उछली – जोर से उछली।
कमीज – गीली कमीज।
मूंछे – छल्लेदार मूंछे।
परछाई – अपनी परछाईं।
नहानघर – मछलियाँ नहानघर।
खंगाला – गोल-गोल खंगाला।

प्रश्न 2. पाठ में प्रयुक्त विभिन्न क्रियारूपों को एकत्र कीजिए।
उत्तर- घुस गए, पड़ता था, घूटते-घूटते बचा। उछलकर, आदि।

प्रश्न 3. निम्नांकित वाक्यों के पद-विग्रह करें
(क) मुर्दा सी मछली के पूरे शरीर में अच्छी तरह राख मली।
उत्तर-

  • मुर्दा – गुणवाचक विशेषण, स्त्रीलिंग, एकवचन
  • मछली – जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्त्ताकारक।
  • अच्छी – गुणवाचक विशेषण स्त्रीलिंग, एकवचन।
  • मली – सकर्मक क्रिया, स्त्रीलिंग, एकवचन, भूतकाल।

(ख) पाटे के समय मछलियों के गोल-गोल चमकीले पंख पड़े थे।
उत्तर-
मछलियों – जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, बहुवचन संबंध कारक।
चमकीले – गुणवाचक विशेषण, बहुवचन, पुल्लिंग।

गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण-संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. दौड़ते हुए हम लोग एक पतली गली में घुस गए। इस गली से घर नजदीक पड़ता था। दूसरे रास्तों में बहुत भीड़ थी। बाजार का दिन था। लेकिन बूंदें पड़ने से भीड़ के बिखराव में तेजी आ गई थी। दौड़ इसलिए रहे थे कि डर लगता था कि मछलियाँ बिना पानी के झोले में ही न मर जाएँ। झोले में तीन मछलियाँ थीं। एक तो उसी वक्त मर गई थी जब पिताजी खरीद रहे थे। दो जिन्दा थीं। झोले में उनकी तड़प के झटके मैं जब तब महसूस करता था। मन ही मन सोच रहा था कि एक मछली पिताजी से जरूर माँग लगेंगे। फिर उसे कुएँ में डालकर बहुत बड़ी करेंगे। जब मन होगा बाल्टी से निकालकर खेलेंगे। बाद में फिर कुएँ में डाल देंगे।

प्रश्न
(क) प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से लिया गया है? और इसके लेखक कौन हैं ?
(ख) बच्चों ने गली का रास्ता क्यों पकड़ लिया?
(ग) बच्चों की कौन-सी उत्कंठा थी?
(घ) झोले में कितनी मछलियाँ थीं?

उत्तर-
(क) प्रस्तुत गद्यांश मछली शीर्षक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक विनोद कुमार शुक्ल हैं।
(ख) बाजार का दिन होने और हल्की वर्षा होने के कारण दूसरे रास्तों में काफी भीड़ थी। गली से घर नजदीक पड़ता था। घर जल्दी पहुंचने के उद्देश्य से बच्चों ने गली का रास्ता पकड़ लिया।
(ग) बाजार से तीन मछलियाँ खरीदी गई थीं। एक मछली को वे पिताजी से मांग कर कुआँ – में डालना चाहते थे। कुआँ में डालकर वे मछली के साथ खेलना चाहते थे।
(घ) झोले में तीन मछलियाँ थीं।

2. नहानघर का दरवाजा अंदर से हम लोगों ने बंद कर लिया था। भरी हुई बाल्टी थी, उसे आधी खाली कर मैंने झोले की तीनों मछलियाँ उड़ेल दीं। अगर बाल्टी भरी होती तो मछली नाली में घुस गई थी। हाथों से मैंने और सन्तू ने टटोल-टटोलकर ढूँढा था। जब दिखी नहीं तो हम घर के पीछे जाकर खड़े हो गए थे जहाँ घर की नाली एक बड़ी नाली से मिलती थी। गंदे पानी में मछली दिखी नहीं। दीदी ने बताया था कि वह मछली इस नाली से शहर की सबसे बड़ी नाली में जाएगी फिर शहर से तीन मील दूर मोहरा नदी में चली जाएगी।

प्रश्न
(क) बच्चों ने मछलियों का क्या किया?
(ख) नहानघर की नाली में गिरी हुई मछली के बारे में दीदी ने क्या बताया था ?
(ग) मछली नाली में कैसे चली गई थी?
(घ) मोहरा नदी शहर से कितनी दूर पर बहती है ?

उत्तर-
(क)बच्चों ने मछलियों को आधे जल से भरी हुई बाल्टी में डाल दिया।
(ख) दीदी ने बताया था कि वह मछली इस नाली से शहर की सबसे बड़ी नाली में जाएगी और शहर से तीन मील दूर मोहरा नदी में चली जाएगी।
(ग) लेखक के हाथ से छूटकर मछली नाली में चली गई थी।
(घ) मोहरा नदी शहर से तीन मील की दूरी पर बहती है।

3. गीले कपड़ों में देखकर दीदी बहुत नाराज हुई। फिर प्यार से समझाया। संतू को दीदी ने खुद अपने हाथों से जानें क्यों अच्छे-अच्छे कपड़े पहनाएँ। मैं घर के धोए कपड़े पहन रहा था तो दीदी ने कहा कि धोबी के धुले कपड़े पहन लें। फिर दीदी ने पेटी से मेरे लिए कपड़े निकाल – दिए। संतू के बड़े-बड़े बाल थे इसलिए अभी तक गीले थे। दीदी ने संतू के बालों को टॉवेल से पोंछकर उसके बाल संवार दिए।

प्रश्न (क) दीदी क्यों नाराज हुयी?
(ख) दीदी ने क्या किया ?.
(ग) उल्लिखित गद्यांश के आधार पर तर्क सहित बताएं कि दीदी का स्वभाव कैसा था?

उत्तर-
(क) भाइयों को गीले कपड़ों में देखकर दीदी बहुत नाराज हुई।
(ख)अपनी नाराजगी जाहिर करने के बाद दीदी ने भाइयों को प्यार से समझाया। संतू को खुद अच्छे-अच्छे कपड़े पहनाए। फिर टॉवेल से उसके बाल सुखाकर उसके बाल झाड़े। नरेन को धोबी के साफ किए कपड़े पहनने को कहा।
(ग) दीदी ममतामयी थी। भाइयों से बहुत स्नेह करती थी यही कारण है कि गोले कपड़ों में भाइयों पर नाराज हुई। फिर प्यार से समझाया। संतू के कपड़े बदलवाए उसके बाल सँवारे और नरेन को धोबी के धुले कपड़े पहनने के लिए निकाल कर दिए। .

4. तीनों मछलियों के कई टुकड़े हो गए थे। पाटे के पास मछलियों के गोल-गोल चमकीले पंख पड़े थें। दीदी जहाँ लेटी थी, उस समय कमरे का दरवाजा खुला था। शायद माँ अन्दर थीं। पिताजी दरवाजे के पास गुस्से से टहल रहे थे। दीदी की सिसकियाँ बढ़ गई थी। मुझे लगा कि पिताजी ने दीदी को मारा है।

प्रश्न
(क) मछलियों के टुकड़े होने का निहितार्थ क्या है ?
(ख) दीदी की सिसकियाँ क्यों बढ़ गई थीं?
(ग) पिताजी का दीदी को मारना क्या प्रदर्शित करता है ?

उत्तर-
(क) मछलियों के टुकड़े होने का निहितार्थ है कोमल भावनाओं का नष्ट होना।
(ख) दीदी को पिताजी ने मारा था, इसलिए उनकी सिसकियाँ बढ़ गई थीं।
(ग) पिताजी द्वारा दीदी. को मारना दोहरी मानसिकता का प्रतीक है जिसमें बेटा-बेटी में फर्क और निर्भर परनिर्भर में भेद स्पष्ट होता है।

5. घर में मछली काटने के लिए एक अलग से पाटा था। उस पाटे के ऊपर ही मछली रखकर काटी जाती थी। पाटे में चक्कू के आड़े-तिरछे निशान बन गए थे। यह पाटा परछी में ड्रम के पीछे रखा रहता था। जिस रोज मछली बनती थी उसी रोज यह पाटा निकाला जाता था। घर का नौकर मछली काटा करता था। पानी का गिरना बिल्कुल बंद हो गया था। आँगन में आकर मैंने देखा जिस जगह मछली काटी जाती थी वहाँ वही पाटा धुला हुआ रखा था। पास में थोड़ी चूल्हे की राख थी। मैंने सोचा भग्गू कुआँ के पास चक्कू में धार कर रहा होगा। नहानघर का दरवाजा पूरा खुला था। मुझे बाल्टी दिख रही थी जिसमें मछलियाँ थीं। माँ वहाँ नहीं थी। शायद ऊपर होगी। माँ को घर में मछली, गोश्त बनना अच्छा नहीं लगता था। पिताजी ने कई बार चाहा किं हम लोग भी मछली, गोश्त खाया करें, लेकिन माँ ने सख्ती से मना कर दिया था। और, किसी को अच्छा भी नहीं लगता था, केवल पिताजी खाते थे।

प्रश्न
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखिए।
(ख) घर में मछली काटने का साधन क्या था?
(ग) घर में मछली कौन काटता था?
(घ) माँ को क्या अच्छा नहीं लगता था?
(ङ) घर में मछली कौन खाते थे?

उत्तर-
(क) पाठ का सारांश-मछली।
लेखक का नाम-विनोद कुमार शुक्ला
(ख) घर में मछली काटने के लिए एक अलग से पाटा था।
(ग) घर का नौकर मछली काटता था।
(घ) मछली, गोश्त बनाना माँ को अच्छा नहीं लगता था।
(ङ) घर में केवल पिताजी मछली खाते थे।

6. भग्गू को जैसे मालूम था कि मछलियाँ नहानघर में हैं। आते ही वह अंगोछे में तीनों मछलियाँ निकाल लाया। कुएँ में मछली पालने का उत्साह.बुझ-सा गया था। पिताजी शायद अभी तक आए नहीं थे। कमरे में जाकर देखा तो सच में दीदी करवट लिए लेटी थी। संतू को मैंने इशारे से बुलाया कि वह भी गीले कपड़े बदल ले। शायद कुछ आहट हुई होगी। दीदी ने पलटकर हमें देखा। गीले कपड़ों में देखकर दीदी बहुत नाराज हुई। फिर प्यार से समझाया।

संतू को दीदी ने खुद अपने हाथों से न जाने क्यों बहुत अच्छे-अच्छे कपड़े पहनाए। मैं घर के धोए कपड़े पहन रहा था तो दीदी ने कहा कि धोबी के धुले कपड़े पहन लूँ। फिर दीदी ने पेटी से मेरे लिए कपड़े निकाल दिए। संतू के बड़े-बड़े बाल थे, इसलिए अभी तक गीले थे। दीदी ने संतू के बातों को टॉवेल से पोंछकर, उनमें तेल लगाया। बाएँ हाथ से संतू की ठुड्डी पकड़कर दीदी ने उसके बाल सँवार दिए। जब दीदी संतू के बाल संवार रही थी तो संतू अपनी बड़ी-बड़ी आँखों से दीदी को टकटकी बाँधे देख रहा था। सभी कहते थे कि दीदी बहुत सुन्दर है।

प्रश्न
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखें।
(ख) भग्ग को क्या मालूम था और उसने आते ही क्या किया?
(ग) कमरे में कौन थी?
(घ) दीदी क्यों नाराज हुई?
(ङ) दीदी ने संतू के लिए क्या किया?

उत्तर-
(क) पाठ का नाम मछली
लेखक का नाम-विनोद कुमार शुक्ला
(ख) भग्गू को जैसे मालूम था कि मछलियाँ नहानघर में हैं। आते ही वह अंगोछे में तीनों मछलियाँ निकाल लाया।
(ग) कमरे में दीदी करवट लिए लेटी थी।
(घ) बच्चों को गीले कपड़ों में देखकर दीदी बहुत नाराज हुई।
(ङ) दीदी ने संतू को अपने हाथों से अच्छे-अच्छे कपड़े पहनाए एवं उसके बाल संवारे।

वस्तुनिष्ठ प्रश्व

सही विकल्प चुनें-

प्रश्न 1. ‘मछली’ किस कहानीकार की रचना है ?
(क) नलिन विलोचन शर्मा
(ख) प्रेमचंद
(ग) अज्ञेय
(घ) विनोद कुमार शुक्ल
उत्तर-(घ) विनोद कुमार शुक्ल

प्रश्न 2. ‘मछली’ किस प्रकार की कहानी है ?
(क) सामाजिक
(ख) मनोवैज्ञानिक
(ग) ऐतिहासिक
(घ) वैज्ञानिक
उत्तर- (क) सामाजिक

प्रश्न 3. ‘महाविद्यालय’ पुस्तक से कौन-सी रचना संकलित है ?
(क) विष के दाँत
(ख) मछली
(ग) नौबतखाने में इबादत
(घ) शिक्षा और संस्कृति
उत्तर- (ख) मछली

प्रश्न 4. ‘मछली’ कहानी में किस वर्ग का जीवन वर्णित है ?
(क) उच्च वर्ग
(ख) मध्यम वर्ग
(ग) निम्न वर्ग
(घ) मजदूर वर्ग
उत्तर- (ख) मध्यम वर्ग

प्रश्न 5. संत-नरेन आपस में कौन हैं ?
(क) भाई-भाई
(ख) चाचा-भतीजा
(ग) भाई-बहन
(घ) जीजा-साला
उत्तर- (क) भाई-भाई

प्रश्न 6. विनोद कुमार शुक्ल कहानीकार उपन्यासकार के अलावा और क्या है ?
(क) कवि
(ख) नाटककार
(ग) आलोचक
(घ) राजनेता
उत्तर- (घ) राजनेता

II. रिक्त स्थानों की पूर्ति

प्रश्न 1. अब जोर से ……….. गिरने लगा था।
उत्तर- पानी

प्रश्न 2.संतू ……….. से काँप रहा था।
उत्तर- ठंड

प्रश्न 3. घर का नौकर ……… काटा करता था।
उत्तर- मछली

प्रश्न 4. हिचकी लेते ही दीदी का पूरा शरीर ……… उठता था।
उत्तर- सिहर

प्रश्न 5. नहानघर में जाकर उसे लगा कि ……….. गंध आ रही है।
उत्तर- मछलियों की

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. झोले में मछली लेकर दौड़ते हुए लड़कों ने झोले का मुँह क्यों खोल दिया? ..
उत्तर- लड़कों ने झोले का मुँह इसलिए खोल दिया ताकि वर्षा का जल मछलियों को जीवित रखने में झोले के अन्दर आ सके।

प्रश्न 2. संतु मछली को क्यों नहीं छूना चाहता था?
उत्तर- संतू मछली को इसलिए नहीं छूना चाहता था क्योंकि वह छूने से डरता था।

प्रश्न 3. नरेन ने बाल्टी में क्यों हाथ डाला?
उत्तर- नरेन ने बाल्टी में हाथ डालकर मुर्दा सी पड़ी मछली को बाहर निकालकर फर्श पर डाल दिया।

प्रश्न 4. कमरे से दीदी की हल्की सिसकियों की आवाज क्यों आ रही थी?
उत्तर- दीदी की सिसकियों की आवाज कमरे से इसलिए आ रही थी क्योंकि उसके पिताजी ने उसको पीटा था।

प्रश्न 5. पिता जी ने दहाड़ क्यों मारा और क्या कहा?
उत्तर- पिताजी ने सन्तू पर क्रोधित होकर दहाड़ मारा तथा भग्गू से उसके हाथ-पैर तोड़ देने के लिए कहा।

प्रश्न 6. बच्चों ने मछलियों का क्या किया?
उत्तर- बच्चों ने मछलियों को आधे जल से भरी हुई बाल्टी में डाल दिया।

प्रश्न 7. मछली नाली में कैसे चली गई ?
उत्तर-नरेन (लेखक) के हाथ से छूटकर मछली नाली में चली गई।

प्रश्न 8. दीदी क्यों नाराज हुई?
उत्तर- भाइयों को गीले कपड़ों में देखकर दीदी बहुत नाराज हुई।

प्रश्न 9. मछलियों के टुकड़े होने का निहितार्थ क्या है ?
उत्तर- मछलियों के टुकड़े होने का निहितार्थ है कोमल भावना का विनष्ट होना।

प्रश्न 10. झोले में मछलियां लेकर बच्चे दौड़ते हुए पतली गली में क्यों घुस गए ?
उत्तर- झोले में मछलियाँ लेकर बच्चे दौड़ते हुए पतली गली में घुस गए, क्योंकि इस गली में घर नजदीक पड़ता था। दूसरे रास्तों में बहुन भीड़ थी।

प्रश्न 11. मछलियों को लेकर बच्चों की अभिलाषा क्या थी?
उत्तर- मछलियों को लेकर बच्चों के मन में अभिलाषा थी कि एक मछली पिताजी से माँगकर उसे कुएँ में डालकर बहुत बड़ी करेंगे।

प्रश्न 12. मछलियाँ लिए घर आने के बाद बच्चों ने क्या किया ?
उत्तर- मछलियाँ घर लाने के बाद बच्चों ने नहानघर में भरी हुई बाल्टी को आधी करके उसमें . मछलियों को रख दिया।

प्रश्न 13. मछली को छूते हुए संतु क्यों हिचक रहा था ?
उत्तर- संतू मछलियों को छूते हुए हिचक रहा था, क्योंकि उसे डर था कि मछली काट लेगी।

प्रश्न 14. दीदी कहाँ थी और क्या कर रही थी?
उत्तर- दीदी घर के एक कमरे में थी। वह लेटी हुई थी और सिसक-सिसककर रो रही थी। . वह बार-बार हिचकी ले रही थी जिससे उसका शरीर सिहर उठता था।

शब्दार्थ

  • टटोला : अनुमान किया, थाह लिया
  • फर्श : पक्की जमीन
  • उत्सुकता : कुतूहल, जानने की इच्छा
  • छोर : किनारा
  • पाटा : फाँसुल, हँसुआ
  • आहट : ध्वनि, आवाज, संकेत
  • पेटी : बक्सा
  • टावेल : तौलिया
  • टकटकी : अपलक देखना
  • अंगोछा : गमछा
  • सरपट : तेजी
  • लहरना : तड़पना
  • सिसकियों : रुदन की अस्पष्ट ध्वनि, धीमे-धीमे रोना
  • बाड़ा : अहाता
  • निचोड़ना : निथारना, गारना

About the author

My name is Najir Hussain, I am from West Champaran, a state of India and a district of Bihar, I am a digital marketer and coaching teacher. I have also done B.Com. I have been working in the field of digital marketing and Teaching since 2022

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